कांग्रेस की लीडरशिप को जीरो बताकर संजय सिंह बन गए अमित शाह के ‘संजय’
कांग्रेस में इस्तीफों का दौर अभी ख़तम नहीं हुआ हैं लेकिन इस बार जो इस्तीफा हुआ है वो संजय सिंह ने दिया है और वह कांग्रेस से काफी नाराज़ भी हैं | गांधी परिवार के करीबी डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस और राज्यसभा सदस्य पद दोनों से ही इस्तीफा दे दिया है | बताया जा रहा है कि अब वह बुधवार को बीजेपी में शामिल होंगे | संजय सिंह अमेठी के राज परिवार से आते हैं | इस बार के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह सुल्तानपुर संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन अपनी जमानत नहीं बचा सके |
संजय सिंह के राज्यसभा सदस्य कार्यकाल को बचा था एक साल
डॉ. संजय सिंह असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उनका कार्यकाल अभी एक साल का बचा हुआ था | इसके बावजूद उन्होंने राज्यसभा और कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया है | हालांकि संजय सिंह ने अपने राजनीतिक पारी का आगाज कांग्रेस से शुरू किया था, लेकिन राममंदिर आंदोलन के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे |
संजय सिंह ने कहा कांग्रेस नेतृत्व में जीरो हैं
संजय सिंह ने इस्तीफे के बाद कहा, ‘मैं कांग्रेस इसलिए छोड़ रहा हूं क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व में जीरो है | मैं ‘सबका साथ सबका विकास’ के कारण मोदी का समर्थन करता हूं |’ संजय सिंह 1998 में अमेठी संसदीय सीट से कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को हराकर सासंद चुने गए थे | इसके बाद वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं | राहुल गांधी के कांग्रेस में एंट्री करने के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में वापसी की | 2009 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह सुल्तापुर सीट से सांसद चुने गए थे |
संजय सिंह को असम भेजा गया था
संजय सिंह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से नाराज हो गए थे, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें असम से राज्यसभा भेजा था | इसके चलते सुल्तानपुर सीट से उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह चुनाव लड़ी थीं, लेकिन वो जीत नहीं सकीं | वहीँ संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह मौजूदा समय में अमेठी से बीजेपी की विधायक हैं |