असम में कांग्रेस विधायक रुपज्योति कुर्मी ने दिया इस्तीफा, राहुल गांधी पर भरोसा नही
गुवाहाटी. असम (Assam) में कांग्रेस के विधायक रूपज्योति कुर्मी (MLA Rupjyoti Kurmi ) ने पार्टी से और विधानसभा से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे. विपक्षी दल कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है. मारिअनी विधानसभा सीट से विधायक कुर्मी ने विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी को यहां उनके कार्यालय में इस्तीफा सौंपा. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी अपना इस्तीफा दे चुके हैं. चार बार विधायक रह चुके कुर्मी ने कहा कि वह 21 जून को भाजपा में शामिल होंगे.
कुर्मी ने चेतावनी दी कि कुछ और विधायक पुरानी पार्टी को छोड़ने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा ‘मैं टी कम्यूनिटी में में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला एकमात्र विधायक था. जहां तक टी कम्यूनिटी में के वोटों का सवाल है, मेरे जाने से पार्टी में एक बड़ा खालीपन आ जाएगा. कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया, यहां तक कि मेरे हाथ भी कट गए लेकिन कांग्रेस में इन चीजों का कोई मूल्य नहीं है.’
कांग्रेस और राहुल गांधी को ठहराया जिम्मेदार
कुर्मी ने अपने फैसले के लिए केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व और राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्हें गांधी पर कोई भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी का AIUDF के साथ गठबंधन करने का निर्णय एक बड़ी भूल थी और मैंने इसका विरोध किया था. कांग्रेस पर कुछ वरिष्ठ नेताओं का शासन है और पार्टी में युवाओं के लिए कोई मौका नहीं है.
इस बीच कांग्रेस ने कुर्मी को ‘उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया है. असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने एक वक्तव्य में कहा कि इस फैसले को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने मंजूरी दी है. बोरा ने पूर्व विधायक राणा गोस्वामी की अगुवाई में तीन सदस्यीय दल बनाया है जो मारिअनी क्षेत्र में जाकर वहां राजनीतिक हालात का जायजा लेगा.
कुर्मी चाय बागान श्रमिक समुदाय से आते हैं. वह कांग्रेस के मंत्री रह चुके रूपम कुर्मी के पुत्र हैं तथा मरिआनी क्षेत्र से 2006 से चुनाव जीतते रहे हैं. कुर्मी का इस्तीफा जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के एक हफ्ते बाद आया है. इस बीच कांग्रेस विधायकों के एक समूह ने सचिन पायलट से मुलाकात की और उनका समर्थन किया .