कांग्रेस विधायक दल की हुई बैठक
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सदन में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज यहां अपने सरकारी निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक ली।
बैठक के बाद पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश की जनता के सामने समस्याओं और विपक्ष के सामने मुद्दों का अम्बार लगा हुआ है। इसलिए, इस बार के सत्र में कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, एमएसपी गारंटी बिल, कई स्थगन और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने जा रही है। सरकार से किसानों की कथित अनदेखी, बढ़ती बेरोजगारी, डोमिसाइल के नियमों में फेरबदल, बढ़ते अपराध, पेपर लीक, शराब और रजिस्ट्री घोटाले जैसे मुद्दों पर जवाब मांगा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कल ही विधानसभा अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव दे देगी। उसके बाद वह तय करेंगे कि इस पर कब मतदान और च़र्चा करानी है। विपक्ष की मांग है कि सत्र के दौरान जनहित से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाए और सभी विधायकों को इसके लिये पूरा वक्त मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चें पर कथित तौर पर विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसान आंदोलन की अनदेखी कर रही है और कांग्रेस उसे सदन में इस मुद्दे पर भी घेरेगी। किसानों को एमएसपी का अधिकार दिलाने के लिये एपीएमसी एक्ट में संशोधन के लिए एक प्राइवेट मेंबर बिल लाया जाएगा।
विपक्ष के नेता ने निजी क्षेत्र में नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण एक्ट राज्य के युवाओं के साथ कथित तौर पर धोखा है। । क्योंकि, इस कानून की धारा-पांच में उद्योगपति को सरकार ने पहले ही बाईपास दे दिया है। इस धारा में प्रावधान है कि विशेष योग्यता और दक्षता का बहाना बनाकर कोई भी उद्योगपति स्थानीय युवाओं को आरक्षण से वंचित कर सकता है। इतना ही नहीं, ये कानून लागू होने से पहले ही गठबंधन सरकार ने हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र के नियमों में फेरबदल करके प्रदेश के युवाओं के हक पर कथित कुठाराघात करने का काम कर दिया।
उन्होंने कहा कि नये नियमों के मुताबिक अब किसी भी राज्य का व्यक्ति बड़ी आसानी से हरियाणा डोमिसाइल हासिल कर सकता है। इसके आधार पर अन्य राज्यों के लोग न सिर्फ आरक्षित 75 प्रतिशत प्राइवेट नौकरियां बल्कि, एससी-बीसी समेत सभी आरक्षित श्रेणी की सरकारी नौकरियां भी हासिल कर सकते हैं। अगर सरकार ने डोमिसाइल नियमों को नहीं बदला तो प्रदेश में एससी, बीसी, खेल, एक्स सर्विसमैन समेत सभी आरक्षित वर्गों को नौकरी मिलना मुश्किल हो जाएगा। जिस तरह से एसडीओ भर्ती में सामान्य श्रेणी के स्थानीय युवाओं को दरकिनार कर अन्य राज्य के युवाओं को तरजीह दी गई, उसी तरह रिहायशी प्रमाण-पत्र के नियमों में बदलाव के बाद एससी और बीसी समेत सभी आरक्षित श्रेणियों के साथ किया जाएगा। इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार की स्थानीय निवासियों के लिए जारी कल्याणकारी योजनाओं पर भी नये नियमों की वजह से बोझ बढ़ेगा। उन्होंने दावा किया कि अब अन्य राज्यों के लोगों को भी प्रदेश की तमाम योजनाओं का लाभ मिलेगा।
प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के सवाल पर श्री हुड्डा ने कहा कि जब से हरियाणा बना तब से लेकर हमारी सरकार तक प्रदेश पर सिर्फ 60 हजार करोड़ का कर्ज था। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार के छह साल में यह बढ़कर सवा दो लाख करोड़ रूपये हो चुका है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री जनता को कर्ज का सही आंकड़ा नहीं बता रहे। वह प्रदेश के कर्ज में ‘उदय’ की राशि जोड़कर कथित तौर पर गुमराह करने का काम कर रहे हैं।