कांग्रेस का दावा-दागियों और भ्रष्‍टाचार के आरोपियों के लिए बंद रहेंगे पार्टी के दरवाजे

कांग्रेस में एंट्री के लिए कसमसा रहे नेताओं के लिए राह अब आसान नहीं है। कांग्रेस ने तय किया कि भ्रष्टाचार में आरोपित और दागी चरित्र के नेताओं को किसी सूरत में पार्टी में नहीं लिया जाएगा। खासकर वर्ष 2016 के दौरान पार्टी छोड़कर गए लोगों में जो जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे और कांग्रेस के खिलाफ बयानबानी करने वालों के लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हैं।

बुधवार और गुरूवार को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, सहप्रभारी दीपिका पांडे, कांग्रेस चुनाव अभियान प्रभारी हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की उच्च स्तरीय बैठक में इस फार्मूले पर सहमति बनी है। सूत्रों के अनुसार बैठक में उत्तराखंड में चल रह दलबदल के माहौल पर विस्तार से चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार पूर्व सीएम रावत और गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा को डूबता हुए जहाज बना देख बड़ी संख्या में लोग कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं। लेकिन अपने कार्यकर्ताओं की कीमत पर किसी को नहीं लिया जा सकता। प्रदेश प्रभारी ने इस बात को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी का स्टैंड भी यही है। केवल वही व्यक्ति कांग्रेस के साथ जुड़ सकता है जो साफ छवि का है और जिस पार्टी के कार्यकर्ता भी पसंद करते हो।

वर्ष 2016 में पार्टी छोड़कर गए कई लोग भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं। ऐसे लोगों को तो किसी सूरत में लिया जाएगा। कांग्रेस में अब केवल वही व्यक्ति आ सकता है, जो पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम कर सकता हो। प्रभारी ने बताया कि कांग्रेस ने 15 नवंबर तक कार्यक्रम तय कर दिए है। परिवर्तन यात्रा का तीसरा चरण 26 अक्टूबर से मसूरी से शुरू किया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि 31 अक्तूबर को कांग्रेस इंदिरा प्रियदर्शनी शौर्य दिवस के रूप में मनाएगी। नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को सम्मानित किया जाएगा।

जो कार्यकर्ता को पसंद, वहीं आएगा कांग्रेस में: हरीश रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस में केवल उन्हीं लोगों को वापस लिया जाएगा, जिन पर कार्यकर्ताओं को कोई आपत्ति नहीं होगी। रावत ने कहा कि कुछ विधायक, मंत्री कांग्रेस में शामिल होने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। हमारे दरवाजे बंद नहीं है, लेकिन जिन लोगों ने भाजपा की कुगत की है, उन्हें कांग्रेस में लेने में संकोच जरूर है। हमारे कार्यकर्ताओं ने वर्ष 2017 में भीषणतम राजनीतिक आपदा से उबार कर कांग्रेस को इस लायक बनाया है कि कांग्रेस में आने के लिए भाजपा में भगदड़ मची हुई है। हमे अपने उन महान कार्यकर्ताओं का हित भी देखना पड़ेगा। हमारे पास चुनाव जीतने की संभावना वाले लोग हैं तो उनके क्षेत्रों में उन कार्यकर्ताओं के हितों को सुरक्षित किया जाएगा। कांग्रेस को अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भरोसा है। बकौल रावत, हम भाजपा नहीं हैं जो पैसों से खरीदकर के भी दल-बदल करवाएं। और, अपने कार्यकर्ताओं का गला काटने में संकोच न करें। कांग्रेस पार्टी उन्हीं लोगों को पार्टी में शामिल कर रही है जिनका स्वागत करने के लिए कार्यकर्ताओं की बाहें भी आगे बढ़ी हुई हैं।

प्रीतम-हरक की नजदीकियों से अलर्ट रावत-गोदियाल कैंप
दिल्ली में रावत कैंप की प्रदेश प्रभारी और सहप्रभारी की बैठक को भाजपा से काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत व रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ की नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ बढ़ती नजदीकियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले पंद्रह दिनों के भीतर प्रीतम, हरक और काऊ की दो मुलाकातें हो चुकी है। रावत कैंप को इस मुलाकातों में पकती सियासी खिचड़ी की खुशबू महसूस हो रही है। रावत कई बार इशारा कर चुके हैं कि वो बाकी बागियों पर तो एक बार को विचार कर सकते हैं, लेकिन हरक, सतपाल महाराज और काऊ पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकते। अब प्रदेश प्रभारी ने भी रावत-गोदियाल की बात पर सहमति जताते हुए पार्टी की लाइन तय कर दी है। हालांकि यह बात दीगर है कि हरक और काऊ शुरू से ही कांग्रेस में न जाने की बात कहते आ रहे हैं।

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