तीरथ के इस्तीफे पर कांग्रेस ने हमला बोला, कही ये बात
‘बीजेपी ने ऐसे नेता को मुख्यमंत्री चुना जो विधानसभा का सदस्य नहीं था, केंद्र को पता था कि 6 महीने के भीतर चुनाव लड़वाना पड़ेगा, फिर भी…’ कांग्रेस ने यह बात कही क्योंकि उत्तराखंड की राजनीति में रातों रात जैसे तूफान सा आ गया है. तीरथ सिंह रावत ने ‘संवैधानिक संकट’ बताकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी है. अब भाजपा नया मुख्यमंत्री खोजने की कवायद कर रही है, तो इस पूरे घटनाक्रम को कांग्रेस ने ‘देवभूमि में भाजपा का कुर्सी बदल खेल’ करार देकर बीजेपी की कड़ी आलोचना की. उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ ही उत्तराखंड कांग्रेस के प्रमुख प्रीतम सिंह ने भी बीजेपी सरकार और संगठन की कड़े शब्दों में आलोचना की.कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य सुरजेवाला ने उत्तराखंड सरकार के संकट पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘जो पार्टी मुख्यमंत्री नहीं बना सकती, वो सत्ता कैसे चलाएगी?’ यही नहीं सुरजेवाला ने ट्विटर पर भाजपा की इस पूरी कवायद को लेकर ट्वीट्स करते हुए कहा कि भाजपा का पिछला रिकॉर्ड भी उत्तराखंड में खराब रहा है. इस कार्यकाल में तीसरा मुख्यमंत्री देने जा रही भाजपा पिछले कार्यकालों में भी कई चेहरों को सीएम की कुर्सी पर बिठाती रही है.
सुरजेवाला ने लगातार किए ट्वीट में कहा, ‘मोदी जी-नड्डा जी ने उत्तराखंड को राजनीतिक अस्थिरता, सत्ता की लूट व “मुख्यमंत्री अदला-बदली योजना” में धकेल देवभूमि की जनता के साथ धोखा व हितों पर कुठाराघात किया.’
उत्तराखंड के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि बीजेपी लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है. 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने CM पर की शपथ ली थी और उन्हें 6 महीने के भीतर चुनाव लड़कर सदन में आना था. तीरथ सिंह रावत के पास मौका था कि वह चुनाव लड़ें, लेकिन इसे टाला गया. बीजेपी जिस राजनीतिक अस्थिरता की बात कर रही है, वह पूरी तरह गलत है क्योंकि ये सब नियम कायदे पहले से ही पता थे. यही नहीं, बीजेपी सत्ता में आई थी, तो कई वादे किए थे, लेकिन कोई पूरा नहीं हुआ. भाजपा सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के बाद भी न तो राज्य में किसानों के कर्ज माफ हुए और न ही युवाओं को रोजगार मिला.उत्तराखंड के कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि उत्तराखंड में बनी राजनीतिक स्थिति केंद्रीय नेतृत्व की लापरवाही और नासमझी का परिणाम है. चार महीने में ही दूसरा CM भी इन्हें बदलना पड़ रहा है. यादव ने बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न के आरोप भी लगाए. कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर यादव ने कहा कि कांग्रेस में एक प्रक्रिया है, जिसमें सबसे बात, राय लेकर फैसला लिया जाता है. अब भी हम कोई ऐसा फैसला नहीं लेना चाहते, जैसे बीजेपी ले रही है.
वहीं, उत्तराखंड में विधायक दल के उपनेता करण महरा ने इस पूरे मामले को पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मिली हार की खीझ बताते हुए कहा कि जिस तरह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने PM को चैलेंज दिया, उसे बीजेपी पचा नहीं पा रही इसलिए ये सारा प्रपंच किया गया.