जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल को मिले अतिरिक्त अधिकारों पर कांग्रेस नाराज, जयराम रमेश बोले- ‘प्रधानमंत्री ने खुद वादा किया था…’

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का आदेश दिया था। स्वयं-घोषित गैर-जैविक प्रधानमंत्री ने कहा था कि पुनर्गठित जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, जिसे अगस्त 2019 में केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था। उनकी यह बात रिकॉर्ड में है।”

एलजी की ताकत बढ़ने पर भड़की कांग्रेस

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देने पर कांग्रेस नेता ने गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “बीती रात (12 जुलाई) गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया, जिसमें एलजी को विस्तारित शक्तियां देने वाली नई धाराएं शामिल की गईं।”

जयराम रमेश ने कहा, “इस अधिसूचना का एकमात्र अर्थ यह निकाला जा सकता है कि निकट भविष्य में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की संभावना नहीं दिखती। सभी राजनीतिक दलों में इस बात को लेकर आम सहमति रही है कि जम्मू-कश्मीर को फिर से भारतीय संघ का पूर्ण राज्य बनना चाहिए, इसे केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना रहना चाहिए।”

जम्मू कश्मीर में एलजी की बढ़ी ताकत

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को पुलिस और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों से संबंधित निर्णय लेने, विभिन्न मामलों में अभियोजन की मंजूरी देने के लिए और शक्तियां प्रदान की हैं। इसके अलावा उपराज्यपाल भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो से संबंधित मामलों और महाधिवक्ता व अन्य कानून अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में भी निर्णय ले सकते हैं।

गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि प्रशासनिक सचिवों का पदस्थापन-ट्रांसफर और अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के पदों से संबंधित मामलों के संबंध में प्रस्ताव मुख्य सचिव के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग के प्रशासनिक सचिव की ओर से उपराज्यपाल को प्रस्तुत किए जाएंगे।

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