सीएम योगी का भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन, सोनभद्र DM टीके शिबू को किया गया सस्पेंड
सीएम योगी का भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम, सोनभद्र DM टीके शिबू को किया गया सस्पेंड
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ ने दोबारा सीएम बनने के बाद एक्शन में आ गई है. सीएम पद का शपथ लेने के बाद 1 हफ्ते के अंदर भष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. सीएम योगी सोनभद्र अधिकारी (डीएम) टीके शिबू को खनन मामले में अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया है.
2012 बैच के आईएएस अधिकारी टीके शिबू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सीएम योगी ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व की भांति ही भष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति इस कार्यकाल में भी सख्ती से लागू रहेगी. इस कार्रवाई के बाद डीएम के ऊपर विभागीय जांच बैठा दी गई है. वाराणसी के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है.
टीके शिबू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
यूपी शासन की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के विरुद्ध जिले में खनन व अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थी. इसके अलावा इनके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी करप्शन करने की शिकायत की थी.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में भी उन्होंने लापरवाही बरती थी. पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किया गया. जिसकी वजह से पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस वजह से सार्वजनिक स्थल पर उसकी फोटोज वायरल हो गई थीं. इस मामले को विंध्याचल मंडल मीरजापुर क्षरा जनप्रतिनिधियों को भरोसा में लेकर दोबारा सील किया गया था. जनसामान्य तथा जनप्रतिनिधियों से भी इनकी दूरी की शिकायत मिल रही थी.
जांच में टीके शिबू पाए गए दोषी
सीएम योगी सरकार की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के खिलाफ भ्रष्टाचारों के आरोपों की जांच विंध्याचल मंडल के कमिश्नर ने की थी. जांच में आइएएस टीके शिबू को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था. इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. डीएम पर लगे आरोपों की जांच के लिए वाराणसी मंडल के कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच पूरी होने तक वह राजस्व परिषद यूपी लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे.