सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर कसा तंज, कहा-10 मार्च के बाद गर्मी कर देंगे शांत
सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर फिर हुए हमलावर, कही ये बात
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में महज हफ्तेभर का समय बचा हुआ है. ऐसे में पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. सभी पार्टी के नेता विपक्ष पर जमकर वार कर रहे हैं. वहीं यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सपा-रालोद के गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यादव एक बार फिर नया लिफाफा लेकर आ रहे हैं. केवल लिफाफा नया है. सामान अभी भी पुराना ही है.
सीएम योगी ने कहा 10 मार्च के बाद, इनकी पूरी गर्मी शांत करवा देंगे. सीएम योगी ने बुलंदशहर में कहा कि, कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया है, लेकिन यहां आकर अब समाप्त भी हो रही है. कोरोना से बचाव के लिए जो भी हो सकता था, भाजपा सरकार ने किया. उन्होंने कहा, ‘जो लोग वैक्सीन के खिलाफ प्रचार कर रहे थे और कहते थे कि ये मोदी वैक्सीन है, उनके मुंह पर जनता ने तमाचा मार दिया है. क्योंकि जनता ने वैक्सीन की डोज लगवाई और अब चुनाव में विरोधियों को हार की डोज़ भी लगवानी है.
#WATCH | They (SP chief Akhilesh Yadav) are once again coming up with a new envelope. Only the envelope is new, material is still same old, rotten of mafias, riots…After 10 March, "Inki Puri Garmi Shaant Karwa Dengey": UP CM Yogi Adityanath on SP-RLD alliance pic.twitter.com/WNjNFjDhw4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 2, 2022
सीएम योगी ने आगे कहा, ‘जब मैं आया था, तब यूपी में आंतक का माहौल था. बेटियां सुरक्षित नहीं थीं. 5 साल में कोई दंगा नहीं हुआ है. लोगों को अलर्ट करने की जरूरत है. दंगाई सर उठाएंगे तो कुचल दिए जाएंगे.’
सपा सरकार की सवेंदना हमेशा दंगाइयों के साथ
सीएम योगी ने हापुड़ के पिलखुआ के रामलीला मैदान में आयोजित प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम में सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार की सोच परिवारवादी और कार्य दंगावादी रहा है. वेस्ट यूपी के अंदर आपको यह फर्क स्पष्ट देखने को मिलता होगा. सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले कोई सुरक्षित नहीं था, बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थीं. अराजक मंजर था. विकास की योजनाएं बंद पड़ी थीं. गरीबों को शासन की योजनाएं नहीं मिल पाती थीं. विकास का पैसा इत्र वाले के घर में दीवारों के पीछे रखा जाता था.
मुजफ्फरनगर के दंगे, सहारनपुर का दंगा, बरेली मुरादाबाद रामपुर और यहां तक कि लखनऊ में सीएम की नाक के नीचे भी दंगे हुआ करते थे, लेकिन दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती थी. सपा सरकार संवेदना दंगाइयों के साथ थी, दंगा पीड़ितों के साथ नहीं है.