कानपुर के लैब असिस्टेंट संजीत यादव की हत्या के केस में 4 अफसर हुए सस्पेंड, अब मामले की होगी पूरी जांच
उत्तर प्रदेश के कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद एक और बड़ा मामला सामने आया है। यह मामला है कानपुर में एक लैब असिस्टेंट संजीव यादव को पहले अपहरण करने का फिर उसके बाद फिरौती की मांग करना और उसके बाद संजीव यादव की हत्या कर देना। ऐसे में कानपुर पुलिस पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। वहीं अब कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने आईपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता सहित चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
इसी के साथ ही फिरौती के पैसे की जांच का भी आदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने दे दिया है। बता दें कि मामला उस समय गंभीर हो गया जब लैब असिस्टेंट संजीत यादव का पहले अपहरण कर लिया गया। इसके बाद पुलिस के भरोसे पर परिवार ने गहरे जेवर बेचकर 30 लाख की फिरौती जुटाई। यह 30 लाख की फिरौती भी दे दी गई। लेकिन पुलिस अखबार युवक को बचा ही नहीं पाई और संजीत यादव की हत्या हो जाती है। इस पूरी घटना के बाद कानपुर पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं। लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर बड़ी कार्रवाई की है।
संजीत यादव की बहन आरोप लगा रही है कि थानेदार से लेकर पुलिस अफसर तक सभी भाई की मौत की जिम्मेदार हैं। वहीं पुलिस के मुताबिक अपहरण की साजिश में संजीत के ही कुछ दोष शामिल थे। पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने भी पेश किया है। दो आरोपी महिलाओं में से भी एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक 26 जून को संजीव यादव ने भागने की कोशिश की थी तभी अपहरणकर्ताओं ने गला दबाकर हत्या की और 27 जून को संजीत का शव नहर में फेंक दिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल लिया है। आरोपी ने बताया कि वह फिरौती मिलने के बाद संजीत को छोड़ने वाले थे लेकिन संजीत ने भागने की कोशिश की।
पुलिस के अनुसार संजीत यादव के भागने की कोशिश के कारण आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी। हालांकि पुलिस ने फिरौती दिए जाने से इनकार किया जबकि परिवार का आरोप है कि हमने ₹300000 की फिरौती दी थी जिसके बाद भी संजीत की हत्या कर दी गई।