तेजस्वी को जवाब देने CM नीतीश ने इस अनुभवी नेता को मैदान में उतारा
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पटना. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. कोरोना संकट के समय सरकार के प्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामियां भी लगातार सामने ला रहे हैं. हालांकि सत्तापक्ष इसे फर्जी करार दे रहा है. बावजूद इसके सरकार पर लगातार हो रहे हमलों से वह विचलित होती जरूर दिख रही है. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार ने जवाब देने ले लिए अपने सबसे वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव को मैदान में उतार दिया है.
दरअसल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अब तक कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिख चुके हैं. कभी विधायक निधि को लेकर तो कभी कोरोना संकट, कोविड वार्ड को अधिग्रहित करने को लेकर CM को चिट्ठी लिख चुके हैं. अब इसी का जवाब देने के लिए JDU ने तेजस्वी के जवाब में यादव मंत्री को मैदान में उतारा है. नीतीश कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ मंत्री और योजना एवं विकास विभाग का जिम्मा संभाल रहे विजेंद्र प्रसाद यादव ने तेजस्वी को एक एक बिंदु पर जवाब दिया है.
मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की संशोधित मार्गदर्शिका 2014 के अनुसार इस योजना का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित क्षेत्रीय विकास लाने के लिए आधारभूत संरचनाओं का विकास है. इस योजना के लिए राशि का प्रावधान राज्य स्तर पर योजना एवं विकास विभाग के बजट में किया जाता है. यह योजना अपने वर्तमान स्वरूप में पूर्व में चलायी गयी विधायक ऐच्छिक कोष योजना से भिन्न है. विधानमंडल के सदस्यगण इस योजनान्र्तगत किये जाने वाले आवश्यक कार्यों के बारे में सरकार को मात्र अपनी अनुशंसा प्रेषित कर सकते हैं.
स्पष्ट है कि विधानमंडल के सदस्यगण की अनुशंसाओं पर ही सम्पूर्ण राशि का व्यय करने का प्रावधान एवं बाध्यता नियमों में नहीं है. इस विषय में सरकार का निर्णय ही अन्तिम होता है. मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से दो करोड़ रुपये प्रति विधानमंडल सदस्य की दर से सामंजित कर कोरोना उन्मूलन कोष में हस्तान्तरित करने के पश्चात् भी एक करोड़ रुपये प्रति विधानमंडल सदस्य की राशि उपलब्ध है जिसके अन्तर्गत विधानमंडल सदस्यगण अपनी अनुशंसा कर सकते हैं. इस बात को समझना होगा कि तीन करोड़ रुपये की सम्पूर्ण राशि की योजनाओं के लिए अनुशंसा करने का कोई विशेषाधिकार सदस्यों को नहीं है और इस बिन्दु पर कोई आपत्ति भी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना की स्थिति कोविड को महामारी पर नियंत्रण हेतु आवश्यक उपकरण एवंसुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है.
राज्य के विभिन्न जिलों में वर्तमान समय में चिकित्सा महाविद्यालयों तथा जिला/अनुमंडल/प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में अलग-अलग प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. जिलों में कोविड रोग के प्रसार एवं गम्भीरता की स्थिति भी अलग-अलग है। अतः कोविड की महामारी से लड़ने हेतु किस जिले में कौन सी आवश्यकताएं है. इसका निर्णय एवं आवश्यकताओं की पूर्ति स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत गठित कोरोना उन्मूलन कोष से केन्द्रीयकृत ढंग से ही करना संभव एवं व्यवहारिक है.
यह कहना सही नहीं है कि कोरोना महामारी के पहले चरण वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की निधि से ली गयी राशि का सदुपयोग नहीं हुआ है. वास्तव में महामारी के पहले चरण में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना मद से 181.4194 करोड़ रूपये की राशि कोरोना उन्मूलन कोष में हस्तान्तरित की गयी थी जिसके विरूद्ध 179.963 करोड़ रूपये का व्यय किया गया है. इन स्वीकृत योजनाओं से विभिन्न जिलों एवं चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में 50.0489 करोड़ रु० से आवश्यक सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध कराया गया है.