सीएम गहलोत ने फिर उठाई राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, केन्द्र पर लगाये ये आरोप
जयपुर. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक बार फिर से राजस्थान को विशेष राज्य (Special state) का दर्जा देने की मांग उठाई है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां काफी जटिल हैं और यहां सर्विस डिलीवरी की लागत अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अधिक आती है. इन हालात में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए लेकिन केंद्र सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. गहलोत ने यह मांग मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की हुई दूसरी बैठक में दोहराई. गहलोत ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य समग्र विकास के साथ मानव विकास सूचकांक को बेहतर करना है.
सीएम गहलोत की अध्यक्षता में गुरुवार को वीसी जरिए हुई बैठक में उन्होंने कहा कि कोविड की विषम परिस्थितियों के कारण राजस्व अर्जन में गिरावट हुई है. इसके साथ ही केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में लगातार राज्यांश बढ़ने, केंद्र की ओर से जीएसटी क्षतिपूर्ति का पूरा भुगतान नहीं करने और 15वें वित्त आयोग के अनुमान से कम राशि का हस्तांतरण होने से प्रदेश को जटिल राजकोषीय स्थिति से गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी राज्य सरकार आर्थिक सुधार और संसाधनों के कुशल प्रबंधन से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी और रोजगार सहित अन्य क्षेत्रों में परियोजनाओं को बेहतरीन तरीके से गति दे रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा वर्तमान बजट स्वास्थ्य को समर्पित रहा. इसके चलते प्रदेश में चिकित्सा का आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ. वहीं अगला बजट कृषि क्षेत्र को समर्पित होगा. उन्होंने कहा कि15वें वित्त आयोग ने राजस्थान को 50 हजार करोड़ रुपये देने का अनुमान लगाया था लेकिन वास्तविक हस्तांतरण करीब 32 हजार करोड़ रुपए ही रहा. इतना ही नहीं जीएसटी मुआवजे का भी केंद्र की ओर से पूरा भुगतान राज्यों को नहीं मिल रहा. इसी तरह जल सहित विभिन्न परियोजनाओं में पहले केंद्र और राज्य का अनुपात 90:10 होता था जो अब 50:50 पर आ गया है. गहलोत ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर करों के डिविजिबल पूल में से भी कटौती हो रही है और राज्यों को मिलने वाले हिस्से को लगातार कम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मुद्दों का तत्काल समाधान आवश्यक है अन्यथा राज्यों के विकास पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
प्रतिदिन 1.50 लाख आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की क्षमता विकसित की
बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड की पहली और दूसरी लहर का बेहतरीन प्रबंधन किया. प्रदेश में अब प्रतिदिन 1.50 लाख आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की क्षमता विकसित हो चुकी है. ऑक्सीजन बेड 149 प्रतिशत, आईसीयू 64 प्रतिशत और वेंटीलेटर बेड 87 प्रतिशत तक बढ़े हैं. प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई है. ढाई साल में सरकारी क्षेत्र में 90 हजार से अधिक भर्तियां की गई जबकि 81 हजार भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं. राज्य सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाते हुये अंग्रेजी माध्यम के 1200 विद्यालय शुरू किए हैं.