सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि कोटा मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल में एक माह में 100 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में अब केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है | इसको लेकर अब केंद्र सरकार का एक दल शुक्रवार को कोटा पहुंचेगा और लगातार हो रही मासूमों की मौत की समीक्षा करेगा | इस टीम में केंद्रीय स्वास्थ्यक मंत्रालय के अधिकारियों सहित एम्स जोधपुर के डॉक्टर भी मौजूद रहेंगे | यह दल बाल चिकित्सा सेवाओं कर्मचारियों और उपकरणों की उपलब्धता की समीक्षा करेगा |
इसके साथ ही राज्य सरकार के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्य योजना भी बनाई जाएगी और योजना बनाने के साथ ही कोटा मेडिकल कॉलेज को एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) और राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के जरिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी साथ ही यह भी पता किया जाएगा कि हॉस्पिटल में किन उपकरणों की कमी है और उनको लगाने में कितना खर्च आएगा | यह दल केंद्र सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट भी देनी होगी वहीं कोटा के अस्पताल में मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा था गुरुवार को दो और मासूमों ने दम तोड़ दिया जिसके बाद यह संख्या बढ़ कर 104 पहुंच गई है गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में ही अस्पताल में मासूमों की मौत की संख्या 100 पार कर दी थी |
इसके बाद जांच पड़ताल में बताया जा रहा है कि वहीं मासूमों की मौत के मामला में एक जांच दल गठित किया गया | दल ने जांच कर अपनी रिपोर्ट में बताया कि मासूमों की मौत का कारण संभवत-ऑक्सीजन सिलेंडर से फैला इंफेक्शदन रहा है और टीम ने यह भी कहा था कि मौत का एक कारण तेजी से बढ़ती ठंड भी हो सकती है | इस रिपोर्ट में डॉक्टरों की लापरवाही की बात को नकार दिया गया था | इसके बाद वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा के जेके लोन अस्पताल के बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं करने की अपील की और गुरुवार को बयान जारी कर सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि इस मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए | उन्होंने कहा है कि अस्पताल में बीमार बच्चों की मौत पर सरकार संवेदनशील है और कोटा के अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है | उन्होंने कहा कि हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है |