खतरे में सीएम अमरिंदर सिंह की कुर्सी, रावत से मिलने देहरादून रवाना 7 कांग्रेस नेता
चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) का झगड़ा शांत होता नहीं दिख रहा है. पार्टी के 7 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) को हटाने की मांग को लेकर बुधवार को देहरादून में राज्य के प्रभारी नेता हरीश रावत के साथ बैठक करेगा. बैठक में पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, कैबिनेट मंत्री चरनजीत चन्नी, कैबिनेट मंत्री सुख सरकारिया, विधायक कुलबीर जीरा, विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा, विधायक सुरजीत धीमान चंडीगढ़ से देहरादून रवाना हुए हैं. ये नेता हरीश रावत के साथ सुबह 10 बजे होटल सरोवर में बैठक करेंगे और उसके बाद दिल्ली जा सकते हैं. पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त सिंह बाजवा के घर पर इन नेताओं ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाने के लिए मंगलवार को मीटिंग की थी, बैठक में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) भी शामिल हुए थे और अब आज हरीश रावत के साथ मीटिंग करेंगे.
सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग कश्मीर और पाकिस्तान पर अपनी हालिया विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर विपक्ष और पार्टी के निशाने पर आ गए हैं. इससे पहले अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को अपने सलाहकारों पर लगाम लगाने के लिए कहा था और उनकी टिप्पणी को गलत बताया था, जबकि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को पूछा था कि क्या ऐसे लोगों को पार्टी में रखा जाना चाहिए.
पंजाब के मुख्यमंत्री को मंगलवार को प्रतिद्वंद्वी खेमे से खुले विद्रोह का सामना करना पड़ा. चार मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी और लगभग 24 विधायकों ने मंगलवार को यहां बाजवा के आवास पर मुलाकात की. यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री को हटाने का प्रयास किया जा रहा है, बाजवा ने कहा कि यह प्रयास नहीं बल्कि लोगों की मांग है. मुख्यमंत्री के नए चेहरे पर एक सवाल के जवाब में बाजवा ने कहा कि फैसला पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा.
बाजवा ने कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने और राज्य की राजनीतिक स्थिति से उन्हें अवगत कराने के लिए समय मांगेंगे. उन्होंने कहा कि ‘‘कड़े’’ कदम उठाने की जरूरत है और अगर मुख्यमंत्री को बदलने की जरूरत है, तो यह किया जाना चाहिए. बैठक के बाद, चन्नी ने मीडिया से कहा कि पार्टी के कई विधायक और मंत्री मंगलवार को यहां एकत्रित हुए और उन वादों को लेकर चिंता व्यक्त की, जिन्हें पूरा नहीं किया गया है. इन वादों में 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामलों में न्याय में देरी, मादक पदार्थ रैकेट में शामिल बड़े लोगों को पकड़ना और बिजली खरीद समझौतों को रद्द करना शामिल है.
उन्होंने कहा कि बाजवा, सरकारिया, रंधावा और पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे. बाद में बाजवा, चन्नी, रंधावा और कुछ अन्य विधायकों ने पंजाब कांग्रेस भवन में सिद्धू से मुलाकात की. इसके बाद सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ” आपातकालीन बैठक के लिए तृप्त बाजवा जी का फोन आया. अन्य सहयोगियों के साथ उनसे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में मुलाकात की. आलाकमान को हालात से अवगत कराउंगा.”
सिद्धू की नियुक्ति के साथ राज्य इकाई में असंतोष को खत्म करने के कांग्रेस के हालिया प्रयास विफल होते दिख रहे हैं और इस घटनाक्रम से राज्य इकाई में संकट और गहराने की आशंका है. चन्नी ने कहा कि कई विधायक 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा किए गए उन वादों को लेकर चिंतित हैं, जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है. चन्नी ने कहा, ‘‘हमारे मुद्दे हल नहीं हो रहे हैं. हमें अब विश्वास नहीं है कि इन मुद्दों का समाधान किया जायेगा.’’