NEET-JEE परीक्षा के खिलाफ धरना देने पर सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प, हुआ लाठीचार्ज
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच जेईई और नीट परीक्षा कराए जाने के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में राजभवन पर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं में जमकर झड़प हुई। उग्र विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल हो गए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के नाम एक खुला पत्र लिखा था।
अखिलेश यादव ने पत्र में लिखा कि अगर भाजपा को लगता है कि छात्रों और अभिभावकों की मांग पर वो ऐसे जानलेवा एग्जाम करवा रही है तो केंद्रों के बाहर वो अपने कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायक तैनात करें। साथ ही छात्रों के आने जाने, खाने-पीने व ठहरने का प्रबंध वैसे ही करें जैसा वो विधायकों की खरीद फरोख्त के समय करते हैं।
उन्होंने आगे लिखा है कि भाजपा की तरफ से यह हादसे पद और तर्क ही बात फैलाई जा रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते। भाजपा की सत्ता के मद में यह भी भूल गए कि लोग मजबूरी में निकल रहे हैं और जो लोग घर पर रहकर बचाव करना भी चाहते हैं आपकी सरकार परीक्षा के नाम पर उन्हें भी बाहर निकालने पर बाध्य कर रही है। ऐसे में अगर किसी परीक्षार्थी उनके संग आए अभिभावक या घर लौटने के बाद उनके संपर्क में आए घर के बुजुर्गों को संक्रमण हो गया तो उसकी कीमत क्या वे सरकार चुकाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोनावायरस व बाढ़ में जबकि बस ट्रेन बाधित है तो फिर बच्चे दूर दूर से कैसे आएंगे। ना तो हर एक कि सामर्थ्य टैक्सी करने की है और न ही हर शहर में इतनी टैक्सी हैं। भाजपा के एक प्रवक्ता तो यह तर्क भी दे रहे हैं कि गरीब तो जैसे पहले प्रबंध करता वैसे अब भी करेगा। दुर्भाग्यपूर्ण अर्थव्यवस्था के ज्ञाता व प्रवक्ता यह भूल गए कि संक्रमण के आपदा काल में परिवहन, खाने ठहरने की सेवाएं अती सीमित हैं। मतलब मांग के अनुपात में आपूर्ति नगण्य होने पर सब सेवाएं बहुत अधिक दाम में मिलेगी। ऐसे में गरीब ग्रामीण ही नहीं बल्कि वह मां-बाप भी पैसा कहां से लाएंगे दिन का रोजगार कोरोनावायरस व बाढ़ ने छीन लिया है।
भाजपा पर निशाना साधते अखिलेश यादव ने कहा ऐसा लगता है कि भाजपा यह समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहे युवा तथा कोरोना, बाढ़ व अर्थव्यवस्था की बदइंतजामी से त्रस्त गरीब,निम्न व मध्यवर्ग अब कभी उसको वोट नहीं देगा। इसलिए वह युवाओं और अभिभावकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्यवाही कर रही है। भाजपा को सिर्फ वोट देने वालों से मतलब है।नकारात्मक व हटधर्मी ‘बदले ‘ की राजनीति करने वाली भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के खिलाफ देश में एक नई युवा क्रांति जन्म ले रही है हम सब साथ हैं आइए मिलकर कहें “जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा नहीं चलेगा।”