Narendra Modi और Putin के बीच युद्ध को लेकर हुए वार्ता ।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को आमंत्रित किया, "बातचीत के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ साझी संघर्ष की आवश्यकता"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रूस दौरे के दौरान द्विपक्षीय वार्ता में व्लादिमीर पुतिन के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने यहां भारत के सांस्कृतिक, राजनीतिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूती देने का संकल्प भी जताया।
मोदी ने विशेष रूप से शांति के महत्व को उठाया और कहा, “भारत शांति के पक्ष में है। शांति सबसे अधिक जरूरी है। बम-बारूद हल नहीं निकाल सकते हैं।” उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर भी खुलकर अपनी बात कही और कहा कि आतंकवाद हर देश के लिए एक महामारी है, और भारत ने पिछले 40-50 सालों से इसका सामना कर रहा है।
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मोदी ने इस अवसर पर भारत और रूस के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और विशेष रूप से आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त मुकाबला के लिए उन्हीं रणनीतिक बातचीतों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने यहां भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लिए अपनी समर्थना व्यक्त की और इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त मुकाबले के लिए भारत और रूस के बीच अधिक समर्थन का भी भारत के प्रति स्पष्ट दिखावा किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बीच भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने और विशेष बातचीत के दौरान पूरी दुनिया को यह संदेश दिया गया कि भारत सदैव शांति के पक्षधर है।
मोदी ने अपने बयान में कहा, “पूरी दुनिया को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है।” उन्होंने व्यक्त किया कि भारत उन देशों में शामिल है जो आतंकवाद, युद्ध और विवादों के समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उन्होंने युद्ध के बजाय बातचीत और समझौते की महत्वपूर्णता को उजागर किया और दुनिया को एक सुरक्षित, स्थिर और विकासशील परिस्थिति के लिए समर्थन देने का संकल्प जताया।
इस बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी गहराई से चर्चा की। उन्होंने साझा स्ट्रैटेजिक हितों के लिए सहयोग बढ़ाने के प्रस्ताव किए और आतंकवाद के खिलाफ साझी रणनीतियों को समझौते के रूप में उतारने की बात की। इसके अलावा, शांति और स्थायी समाधान के लिए साझा प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए भी उन्होंने अपने समर्थन का इजहार किया।
मोदी और पुतिन द्वारा इस दौरे के माध्यम से भारत और रूस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और संबंधों को मजबूत करने का संकल्प दिखाया गया है। इसे दुनिया भर में एक सकारात्मक संदेश माना जा रहा है कि भारत और रूस दोनों ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में अपनी भूमिका को महत्वपूर्ण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।