CJI चंद्रचूड़ का विदाई समारोह में Bold बयान: “जो लोग मुझे ट्रोल करते थे, वो बेरोजगार हो जाएंगे”
CJI चंद्रचूड़ ने हाल ही में अपने विदाई समारोह में एक भावुक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपने आलोचकों और ट्रोलर्स पर एक बड़ा बयान दिया।
भारत के पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने हाल ही में अपने विदाई समारोह में एक भावुक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपने आलोचकों और ट्रोलर्स पर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “जो लोग मुझे ट्रोल करते थे, वो बेरोजगार हो जाएंगे।” इस बयान ने समारोह में मौजूद सभी को चौंका दिया। यह टिप्पणी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपने विदाई समारोह के दौरान दी।
बयान का संदर्भ
CJI चंद्रचूड़, जिनकी न्यायिक विचारधारा प्रगतिशील और संतुलित रही, को अपने कार्यकाल के दौरान कई बार ऑनलाइन ट्रोलिंग और आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों से भी भरा रहा, जिसमें गरीबों के पक्ष में फैसले, लैंगिक न्याय के प्रति उनकी समावेशी दृष्टिकोण, और सामाजिक मुद्दों पर उनके प्रगतिशील रुख शामिल हैं।
आधुनिक समय में बढ़ते हुए ऑनलाइन ट्रोलिंग और सार्वजनिक व्यक्तित्वों पर व्यक्तिगत हमलों के संदर्भ में, CJI चंद्रचूड़ का यह बयान एक तरह से उन हमलों के खिलाफ उनका दृढ़ उत्तर था। यह टिप्पणी न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभव को दर्शाती है, बल्कि यह भी एक व्यापक संदेश देती है कि कैसे सार्वजनिक जीवन में ट्रोलिंग और ऑनलाइन नफरत बढ़ रही है।
CJI चंद्रचूड़ की कानूनी धरोहर
अपने कार्यकाल के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने मानवाधिकार, न्यायिक स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रकट किया। उनके नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए, जिनमें निजता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, LGBTQ+ अधिकारों और समलैंगिकता को अपराध मुक्त करने से जुड़े फैसले शामिल हैं।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने भारतीय संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और कानून के शासन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें कानूनी समुदाय और आम जनता से गहरा सम्मान प्राप्त हुआ। उनके विदाई से भारतीय न्यायिक जगत एक युग के अंत की ओर बढ़ रहा है, और उनकी कड़ी मेहनत और न्याय के प्रति समर्पण के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
ऑनलाइन ट्रोलिंग का प्रभाव
CJI चंद्रचूड़ का यह बयान ऑनलाइन ट्रोलिंग के मानसिक और भावनात्मक प्रभाव पर भी प्रकाश डालता है। जबकि यह वैश्विक समस्या है, भारत में यह विशेष रूप से बढ़ी है, खासकर उन प्रमुख व्यक्तित्वों के खिलाफ जो कानूनी, राजनीतिक या मनोरंजन क्षेत्र से जुड़ी होती हैं।
ऑनलाइन ट्रोलिंग का उद्देश्य व्यक्तियों को नीचा दिखाना, अपमानित करना और मानसिक रूप से तोड़ना होता है। हालांकि, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस negativity को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने इसका साहसिकता से मुकाबला किया और अपने न्यायिक कार्यों में निरंतरता बनाए रखी।
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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का विदाई भाषण यह साबित करता है कि सम्मान और गरिमा के साथ adversity का सामना कैसे किया जाता है। उनका यह बयान न केवल उनके शानदार कार्यकाल को समाप्त करता है, बल्कि सार्वजनिक जीवन में ऑनलाइन उत्पीड़न और ट्रोलिंग के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देता है। जब वे भारत के सर्वोच्च न्यायिक पद को छोड़ते हैं, तो उनके द्वारा किए गए कानूनी सुधार, समानता, और मानवाधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।