कैबिनेट ने दी नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी तो आरजेडी को आई इजरायल की याद
संसद भवन में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट की बैठक में बिल को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे 9 दिसंबर को संसद में पेश किया जाएगा। नागरिकता संशोधन बिल का राजद ने विरोध किया है। पार्टी नेता मनोज झा ने कहा है कि इस मुल्क को इज़रायल ना बनने दें, इसे गांधी का हिंदुस्तान ही रहने दें।
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को नागरिकता दी जा सकेगी। हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को इस बिल का लाभ मिलेगा। हालांकि, मुसलमानों को इस दायरे में शामिल नहीं किया गया है।
- नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के तहत नागरिकता कानून 1955 में संशोधन किया जाएगा
- इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दिए जाने की बात कही गई है।
- इस बिल के कानून बनने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 11 साल के बजाय महज छह साल ही भारत में रहने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
- इतना ही नहीं इन समुदाय के लोगों को पासपोर्ट एक्ट 120 और विदेशी अधिनियम 1946 के तहत जेल की सज़ा भी नहीं होगी। इसके लिए 31 दिसंबर 2014 की डेडलाइन रखी गई है। यानी पड़ोसी देशों से इस तारीख तक भारत में आ चुके हिंदुओं को भारत की नागरिकता दी जाएगी।