Tractor rally violence: CISF जवान पर हमला करने वाला गिरफ्तार, 70 संदिग्धों से पूछताछ जारी
26 जनवरी को हुई हिंसा के 9 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच बड़ी तेजी से कर रही है, जबकि लाल किले पर सीआईएसएफ जवानों पर तलवार से हमला करने वाले आरोपी आकाश प्रीत सिंह को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया। क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर बीके सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने वाले एक अन्य व्यक्ति को भी राजस्थान से हिरासत में लिया गया है।
नॉर्थ दिल्ली से गिरफ्तार किया आरोपी
वहीं अब तक मिले एक हजार फुटेज का एनालिसिस किया जाएगा। जबकि सभी वीडियो क्राइम ब्रांच की स्पेशल यूनिट को दे दी गई हैं। इसी के आधार पर आगे की गिरफ्तारियां की जाएंगी, हालांकि करीब 15 हजार से ज्यादा चश्मदीदों के बयान भी रिकॉर्ड किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक आकाश प्रीत सिंह को क्राइम ब्रांच की एसआईटी टीम ने नॉर्थ दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
70 संदिग्धों से पूछताछ जारी
सीआईएसफ जवानों पर हमला करने की जानकारी मिली थी तभी से उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें दिल्ली, पंजाब व आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही थी। हालांकि क्राइंम ब्रांच टीम 70 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। लालकिला हिंसा के दौरान भले ही आकाश प्रीत पर सीआईएसएफ जवानों पर हमला करने का आरोप है लेकिन इस दौरान उसके भी घायल होने की खबर है। आरोपी का इलाज भी दिल्ली के ही एक अस्पलात में किए जाने की खबर सामने आई है। पुलिस का कहना है कि अभी उसे गिरफ्तार किया गया है। जांच होने की बाद ही विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
अब तक 122 लोग गिरफ्तार
बता दें कि हिंसा मामले में अब तक कुल 44 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 122 को गिरफ्तार किया गया है। ईश सिंघल ने कहा कि हमले अपनी वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी है। अफवाहों पर ध्यान न दें। पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने ट्रैक्टर रैली के दौरान घायल हुए पुलिस जवानों के लिए राहत राशि की घोषणा की है।
दिल्ली पुलिस हिंसा मामले के दौरान जो भी लोग फुटेज में दिखाई दे रहे हैं, उनकी उस वक्त की लोकेशन के अलावा अन्य संबंधित जानकारी जुटाने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार करेगी, ताकि यह आरोप न लगे कि किसी को गलत तरीके से पुलिस ने पकड़ा है। एक हजार फुटेज से आरोपियों के चेहरे निकालने के लिए नेशनल फॉरेंसिक लैब, गुजरात से दो टीम दिल्ली पहुंच चुकी हैं। इनका काम वीडियो का विशलेषण करना है। ये टीम उन वीडियो से फोटो बना रहे हैं, फिर दिल्ली पुलिस उन्हें फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम के जरिए उसकी जांच कर रही है। इसमें कोई अपराधी या फिर खालिस्तानी ग्रुप से तो जुडड़ा नहीं। अगर ऐसा कुछ साक्ष्य मिल रहा है तो उसके हिसाब से पुलिस कार्रवाई कर रही है।