बाघंबरी गद्दी विवाद से लेकर जांच तक की बात:क्यों हुआ विवाद, कब हुई सुलह?
गुरु नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अब शिष्य आनंद गिरि पर क्यों लग रहे आरोप
11 पेज के सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने कई बार आनंद गिरी का नाम लिखा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को मौत हो गई। प्रयागराज के बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरि का शव संदिग्ध हालत में लटका मिला था। मौके से 11 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी पुलिस के हाथ लगा। इसमें उनके शिष्य आनंद गिरि का भी जिक्र है। इस बीच दैनिक भास्कर आपको गुरु महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच हुए विवादों से लेकर जांच तक के पूरे सच से रूबरू करा रहा है।
पढ़ें, विवादों में गुरु और शिष्य का साथ
पहला केस
14 मई 2021 को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने आनंद गिरि को अखाड़े और बाघंबरी गद्दी से बाहर कर दिया था। उन पर अपने परिवार से संबंध रखने का आरोप लगा था। साथ ही मठ-मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई के चलते स्वामी आनंद गिरि को पहले मठ बाघंबरी गद्दी और त्रिवेणी बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक पद से हटा दिया गया। बाद में महंत नरेंद्र गिरि की शिकायत पर उन्हें पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से भी 14 मई को निष्कासित कर दिया गया था।
दूसरा केस
आनंद गिरि ने 20 मई को दो वीडियो जारी कर मंदिर के रुपयों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। वीडियो में बार-बालाएं थिरक रही थीं और उनके साथ बड़े हनुमान मंदिर और मठ से जुड़े लोग डांस कर रहे थे।
बार-बालाओं के ऊपर मंदिर के रुपए उड़ाने का आरोप
महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य योग गुरु स्वामी आनंद गिरि के बीच कई तरह के आरोपों को लेकर 13 दिनों तक विवाद चला था। इस बीच आनंद गिरि ने 20 मई को दो वीडियो जारी कर मंदिर के रुपयों के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। एक वीडियो में बार-बालाएं थिरक रही थीं और उनके साथ बड़े हनुमान मंदिर व मठ से जुड़े लोग डांस कर रहे थे। बार-बालाओं पर नोटों की बारिश भी की जा रही थी। दूसरे वीडियो में मंत्रोच्चार के बीच नोटों की बारिश हो रही थी। इसमें महंत नरेंद्र गिरि दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दे रहे थे।
तीसरा केस
26 मई को आनंद गिरि से गुरु नरेंद्र गिरि से माफी मांगी
गुरु-चेले के बीच 26 मई को समझौता हो गया। हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचे चेले आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के पैरों पर गिरकर माफी मांग ली।
आखिरकार शिष्य आनंद गिरि के गलती मानने पर गुरु-चेले के बीच 26 मई को समझौता हो गया। हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचे आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के पैरों पर गिरकर माफी मांग ली। आनंद बोले- मैं पंच परमेश्वर से भी अपने कृत्यों के लिए माफी मांग रहा हूं। मेरे द्वारा सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों पर जो भी बयान जारी किए गए उसे मैं वापस लेता हूं। इसके बाद महंत नरेंद्र गिरि ने भी आनंद गिरि पर लगाए गए आरोपों को वापस लेते उन्हें माफ कर दिया।
चौथा केस
आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि पर करोड़ों रुपए की जमीन बेचने का आरोप लगाया था
स्वामी आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि पर अपने परिजनों को मकान और जमीन का लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए गए थे।
सुलह के बाद भी स्वामी आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि पर मठ और अखाड़े की संपत्तियां बेचने का आरोप लगाया था। कहा था कि नरेंद्र ने अपने परिजन को मकान और जमीन का लाभ पहुंचाया है।
गिरफ्तारी के बाद, चेले आनंद गिरि ने दी सफाई
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत के बाद शिष्य आनंद गिरि ने वीडियो जारी करते हुए सफाई दी। कहा- मेरा नरेंद्र गिरि से कोई विवाद नहीं था।
महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए शिष्य आनंद गिरि को जिम्मेदार ठहराया है। इस पर आनंद ने वीडियो जारी कर सफाई दी। कहा, मेरा नरेंद्र गिरि से कोई विवाद नहीं था। पूरा मामला एक साजिश है। मुझे फंसाया जा रहा है। महंत जी ने आत्महत्या नहीं की है, उनकी हत्या हुई है। हनुमान जी का पैसा लूटा जा रहा था। मठ की संपत्ति के लिए दूसरों से विवाद था, मुझसे नहीं। करोड़ों की हवेलियों में रहने वालों ने साजिश रची है। मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
CM योगी बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
CM योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि दी।
CM योगी ने कहा, इस घटना से हम सभी दुखी हैं। कुंभ के सफल आयोजन में नरेंद्र गिरि का बड़ा योगदान था। पुलिस के चार बड़े अफसर मामले की जांच कर रहे हैं, एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा। जो भी जिम्मेदार होगा, उसे सजा मिलेगी।