PM नरेंद्र मोदी के हनुमान चिराग पासवान को अब भी बीजेपी पर भरोसा,
सांसद चिराग पासवान ने कहा कि जब परिवार के सदस्यों ने आशीर्वाद का हाथ हटा लिया तो मुझे लगा कि अब बिहार के 12 करोड़ लोगों का आशीर्वाद लेना जरूरी हो गया है। इसी के बाद मैंने प्रण लिया कि बिहार में आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे। इसकी शुरूआत मैंने अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान की कर्मभूमि से शुरू किया। इस दौरान मैं बिहार के कई जिलों में गया, जहां मुझे लोगों का अपार समर्थन मिला। वे आशीर्वाद यात्रा के क्रम में जमुई पहुंचने के बाद स्थानीय परिसदन भवन में पिछले दिनों प्रेसवार्ता कर रहे थे। चिराग ने कहा कि जमुई पहुंचकर भावुक महसूस कर रहा हूं। पिता जी के निधन के बाद से परिवार और पार्टी की परिस्थितियां बदली है। पार्टी तथा परिवार में विवाद सामने आने के बाद मेरे ऊपर परिवार एवं पार्टी की जिम्मेवारी बढ़ी है। एक नए सिरे से पार्टी और परिवार को संभालने में लगा हूं। विषम परिस्थितियों में जमुई की जनता ने मेरा हर तरह से हौसला बढ़ाया। इसके लिए जमुई की जनता धन्यवाद के पात्र है।
भाजपा पर हमला करने से बचे चिराग
लोजपा में टूट के बाद चिराग पासवान पार्टी से भले ही अलग हो गए हों, लेकिन लोजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को उन्हें काफी समर्थन मिल रहा है। अशीर्वाद यात्रा के दौरान वे भारतीय जनता पार्टी पर कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की कोई आलेचना नहीं की। पार्टी में टूट का आरोप उन्होंने परिवार के सदस्यों पर लगाया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इसमें जदयू की भूमिका है।
चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश पर साधा निशाना
चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी को बिहार की जनता ने जनादेश नहीं दिया। विगत विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई और आधी सीटों पर सिमटकर रह गई। बिहार की जनता का जनादेश नीतीश कुमार के खिलाफ था। आज किसी परिस्थिति बस हों या फिर किसी का आशीर्वाद लेकर वे बीमार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। परंतु हकीकत है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह से जनता का विश्वास खो चुके हैं।
भाजपा-जदयू में सामंजस्य नहीं
चिराग ने कहा कि बिहार में मध्यावधि चुनाव जल्द होगा। उपचुनाव होंगे तो मेरी पार्टी का स्टैंड पता चल जाएगा। उन्होंने जातिगत आधार पर जनगणना का समर्थन किया। कहा कि जनगणना तो होना ही चाहिए। एक लंबा समय बीत गया है। लोगों को पता चलना चाहिए कि समाज में उनकी क्या स्थिति है। शराबबंदी कानून पर नीतीश सरकार को पूरी तरह असफल बताया। बेतिया की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की घटना के बाद शराबबंदी की पोल खुल गई।