दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे भारतीय ग्रामीणों का चीनी नागरिकों ने किया विरोध, LAC के करीब आकर दिखाए बैनर

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे भारतीय ग्रामीणों का चीनी नागरिकों ने विरोध किया। चीनी नागरिकों ने एलएसी के निकट बहती सिंधु नदी के उस पार से इन ग्रामीणों का विरोध करते हुए बैनर दिखाए।

डेमचोक सेक्टर की अंतिम बस्तियों में से एक कोयुल (काकजंग) के ग्राम प्रधान उर्गैन त्सेवांग ने कहा कि चीनी नागरिक सेना के कुछ जवानों के साथ 5 गाड़ियों में कच्चे रास्ते से नीचे आए और सामुदायिक केंद्र से 200 मीटर की दूरी पर बैनरों को हाथ में लेकर लहराया जहां दलाई लामा का जन्मदिन मनाया जा रहा था। घटना छह जुलाई की सुबह करीब 11 बजे सिंधु नदी के किनारे कोयल गांव के डोला तामगो में हुई।

उन्होंने आगे कहा कि हम मेंडेरियन भाषा नहीं समझते, जो उनके उन बैनरों पर लिखी हुई थी। वे वहां आधे घंटे तक खड़े रहे। वे जिस जगह खड़े होकर विरोध कर रहे थे वह हमारी ही जमीन थी। वह भारत की ही जमीन थी।

जब इस पूरे मामले पर सेना से संपर्क किया गया तो उन्होंने इसको लेकर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। ग्राम प्रधान त्सेवांग ने आगे कहा कि इससे 10 दिन पहले भी चीनियों ने स्थानीय लोगों द्वारा सोलर पंप लगाने का भी विरोध किया था।

बता दें कि पिछले मंगलवार को पीएम मोदी ने फोन पर दलाई लामा को उनके जन्मदिन की बधाई दी थी। यह घटनाक्रम पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्ता में जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आया है।

जबकि पैंगोंग त्सो में विघटन का पहला चरण फरवरी में पूरा हो गया था, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में दूसरे चरण के विघटन के लिए एक समझौते पर काम करने के प्रयास रोक दिए गए हैं। डेमचोक और देपसांग में विवाद क्षेत्र अभी भी बने हुए हैं।

साल 2019 में भी हुई थी ऐसी घटना
बता दें कि साल 2019 में भी दलाई लामा का जन्मदिन मनाने के दौरा इस प्रकार की घटना हुई थी। लगभग 11 चीनी नागरिक एलएसी के नजदीक आए थे और बैनर के माध्यम से ग्रामीणों का विरोध किया था। इन बैनरों में लिखा था कि तिब्बत को विभाजित करने के लिए सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएं।

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