Ladakh पर China की नई चाल: दो नई काउंटियों की घोषणा से बढ़ा विवाद

Ladakh क्षेत्र में अपनी विस्तारवादी नीति के तहत नया विवाद खड़ा कर दिया है। हाल ही में चीन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र की सरकार ने दो नई काउंटियों – हेआन काउंटी और हेकांग काउंटी की स्थापना की घोषणा की है।

चीन ने एक बार फिर से भारत के Ladakh क्षेत्र में अपनी विस्तारवादी नीति के तहत नया विवाद खड़ा कर दिया है। हाल ही में चीन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र की सरकार ने दो नई काउंटियों – हेआन काउंटी और हेकांग काउंटी की स्थापना की घोषणा की है। यह घोषणा लद्दाख के उस क्षेत्र पर की गई है, जिसे चीन अपने अधिकार क्षेत्र में मानता है। इस कदम से भारत और चीन के बीच पहले से चल रहे सीमा विवाद में नई चुनौती पैदा हो गई है।

झिंजियांग में घोषित की गईं नई काउंटियां

चीन की आधिकारिक घोषणा के अनुसार, हेआन काउंटी और हेकांग काउंटी झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के प्रशासनिक हिस्से के रूप में स्थापित की गई हैं। ये काउंटियां उस क्षेत्र में बनाई गई हैं, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भारतीय हिस्से में आता है। चीन का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य सीमाओं का उल्लंघन है।

झिंजियांग प्रशासन ने इन काउंटियों को विकसित करने और वहां बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेज़ी से लागू करने की योजना बनाई है। इस तरह की गतिविधियों का उद्देश्य इस क्षेत्र में चीन की उपस्थिति को मजबूत करना और अपने दावे को और अधिक मजबूती से पेश करना है।

भारत की स्थिति और प्रतिक्रिया

भारत ने हमेशा स्पष्ट रूप से कहा है कि Ladakh और अरुणाचल प्रदेश सहित सभी सीमा क्षेत्र भारत के अभिन्न अंग हैं। चीन द्वारा किए गए इस तरह के किसी भी कदम को भारत ने खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने पहले भी चीन की ऐसी हरकतों को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और इस बार भी भारत द्वारा आधिकारिक विरोध की संभावना है।

यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का विवाद खड़ा किया हो। इससे पहले भी उसने अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की थी, जिसे भारत ने पूरी तरह से नकार दिया था।

सीमा विवाद में बढ़ेगी नई जटिलता

चीन का यह कदम केवल प्रशासनिक घोषणा नहीं है, बल्कि एक गहरी रणनीति का हिस्सा है। यह भारत-चीन सीमा विवाद को और उलझाने की कोशिश है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहले से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। गलवान घाटी में 2020 की घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल है, और बातचीत के कई दौर के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।

चीन द्वारा काउंटियों की स्थापना की घोषणा से क्षेत्रीय स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भारत द्वारा इस क्षेत्र में अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने की आवश्यकता होगी।

चीन की विस्तारवादी नीति

ladakh - china border

चीन की यह घोषणा उसकी लंबे समय से चली आ रही विस्तारवादी नीति का हिस्सा है। वह दक्षिण चीन सागर से लेकर भारत के हिमालयी क्षेत्र तक अपने पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवादों को बढ़ाने की कोशिश करता रहा है। नए प्रांतों की स्थापना कर वह यह संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि यह क्षेत्र उसके अधिकार क्षेत्र में आता है।

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भारत के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता

Ladakh में चीन की यह नई हरकत भारत की संप्रभुता के खिलाफ एक गंभीर चुनौती है। इस कदम से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। भारत को अपनी सैन्य और कूटनीतिक तैयारियों को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि चीन की ऐसी नीतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की आवश्यकता है, ताकि चीन पर दबाव बनाया जा सके।

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