पूर्वी लद्दाख में चीन ने बढ़ाई सेना, ये हमारे लिए चिंता का विषय- सेना प्रमुख नरवणे
नई दिल्ली. सीमा पर भारत (India) के लिए चीन (China) और पाकिस्तान लगातार मुश्किलें खड़ी करते दिख रहे हैं. सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने लद्दाख (Ladakh) में जारी मौजूदा हाल को चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि चीन ने पूरे पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में बड़ी संख्या में तैनाती की है. हालांकि, सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत भी हर खतरे से निपटने के लिए तैयार हो रहा है. उन्होंने 13 दौर की बैठक में हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई है. साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि पाकिस्तान की तरफ से भी दो बार सीजफायर उल्लंघन हुआ है.
शुनिवार को जनरल नरवणे ने कहा, ‘चीन ने हमारे पूर्वी कमान त पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर काफी तैनाती की है. अग्रिम मोर्चों पर हुई उनकी तैनाती वास्तविक रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है.’ उन्होंने कहा, ‘हम उनकी सभी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. हमें मिली जानकारी के आधार पर हम भी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ सैनिकों में भी बराबर का इजाफा कर रहे हैं, जो किसी भी खतरे का सामना करने के लिए जरूरी है.’
अक्टूबर में होनी है 13वें दौर की बैठक
भारत और चीनी पक्ष के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर की कई बैठकें हो चुकी हैं. अक्टूबर में दोनों देश 13वीं बार चर्चा करने जा रहे हैं. जनरल नरवणे ने कहा, ‘बीते 6 महीनों से स्थिति सामान्य है. हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बैठक होगी और हम इस सहमति पर पहुंचेंगे कि डिसइंगेजमेंट कैसे होगा.’ उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विचार है कि हम मतभेदों को बातचीत के जरिए दूर कर सकते हैं. सेना प्रमुख ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि हम लक्ष्य हासिल कर सकेंगे.’
बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान!
जनरल नरवणे ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान की सेना ने हाल ही के दिनों में सीजफायर उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा, ‘पाक सेना की तरफ से फरवरी से लेकर जून अंत तक सीजफायर उल्लंघन नहीं हुआ था, लेकिन बाद में घुसपैठ के प्रयास बढ़ गए, जिनकी मदद सीजफायर उल्लंघन के जरिए की गई थी.’ सेना प्रमुख ने बताया, ’10 दिनों में दो बार सीजफायर उल्लंघन हुए. फरवरी से पहले वाली स्थिति वापस आ रही है.’ उन्होंने बताया कि हमने हॉटलाइन और हर हफ्ते होने वाली DGMO स्तर की बातचीत के जरिए संदेश पहुंचा दिया है कि पाकिस्तान को किसी भी आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों को समर्थन नहीं देना चाहिए.