बर्फीली हवाओं से दिल्ली-एनसीआर में बढ़ी ठिठुरन, प्रदूषण का कहर जारी
नई दिल्ली. दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इस समय पहाड़ी इलाकों से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण शीतलहर (Cold Wave) की चपेट में हैं. इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में भी कड़ाके की ठंड (Delhi Weather Update) पड़ रही है. वहीं, वायु प्रदूषण ने भी बुरा हाल कर रखा है. दिल्ली के अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता रेड जोन यानी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है.
इसके अलावा आईएमडी ने 3 जनवरी तक उत्तर-पश्चिमी भारत में शीतलहर से लेकर तीव्र शीतलहर की स्थिति का अनुमान व्यक्त किया है. ‘तीव्र’ शीतलहर की स्थिति तब होती है जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या सामान्य के मुकाबले गिरावट 6.4 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हो जाती है. मौसम विभाग ने सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण 4 जनवरी से न्यूनतम तापमान में वृद्धि का अनुमान जताया है, जिसके कारण 4 से 7 जनवरी के बीच जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा और बर्फबारी हो सकती है. इसके साथ ही 5 से 7 जनवरी के बीच पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम और कुछ जगह तेज बारिश होने का भी अनुमान है.
चाय बनी लोगों का सहारा
दिल्ली में पिछले काफी दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है और आज भी यह दौर जारी है. इस बीच राजधानी में एक व्यक्ति ने कहा कि दिल्ली में सर्द हवाओं के साथ ठंड में इजाफा हो गया है. ठंड इतनी ज्यादा है कि हाथ-पैर सही से काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में चाय ही एक मात्र सहारा है. यही नहीं, दिल्ली में लागे ठंड से बचने के लिए अलाव का भी सहारा ले रहे हैं.
दिल्ली-एनसीआर पर प्रदूषण की मार
दिल्ली में आज आनंद विहार का AQI 564 दर्ज किया गया, जो कि एनसीआर में सबसे अधिक है. वहीं, राजधानी के अधिकांश इलाके रेड जोन में हैं.नोएडा, ग्रेटर नोएडा में फरीदाबाद प्रदूषण की मार कम हुई है और कोई भी इलाका रेड जोन में नहीं है. अगर गाजियाबाद की बात करें तो संजय नगर में एक्यूआई 306 है, तो वहीं वसुंधरा और इंदिरापुरम को रेड जोन से राहत मिल गयी है. बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. यही नहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि हवा में स्थित बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.