छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद का बनाया नया कीर्तिमान
रायपुर, देश में किसानों के चल रहे आन्दोलन में समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर खरीद की गारन्टी की अहम मांग के बीच छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने चालू खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद कर नया कीर्तिमान बनाया है।
राज्य में समर्थन मूल्य पर चालू खरीफ विपणन सीजन में कुल पंजीकृत किसानों में से रिकार्ड 95.38 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा। धान बेचने वाले किसानों की संख्या इस साल सबसे अधिक है। इस वर्ष पंजीकृत 21 लाख 52 हजार 475 किसानों में से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा है।
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छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या, कुल पंजीकृत रकबा, बेचे गए धान के रकबे, धान बेचने वाले किसानों के प्रतिशत के साथ-साथ कुल उपार्जित धान की मात्रा में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2020-21 में राज्य गठन के 20 वर्षों में इस वर्ष छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद का नया कीर्तिमान बना है।
राज्य में बीते दो सालों में खेती-किसानी के रकबे और किसानों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते धान की खेती के पंजीयन का रकबा 27 लाख हेक्टेयर से अधिक और पंजीकृत किसानों की संख्या 21 लाख 52 हजार तक जा पहुंची है। यह भी अपने-आप में एक रिकार्ड है।
छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य हैं जहां समर्थन मूल्य पर भूपेश सरकार आने के बाद धान की खरीद 2500 रूपए क्विंटल हो रही है। केन्द्र सरकार द्वारा हालांकि सामान्य धान का समर्थन मूल्य 1868 रूपए घोषित कर रखा है। किसानों को केन्द्र द्वारा तय राशि बिक्री के तुरंत बाद उनके खातों में स्थानान्तरित कर दी जाती है जबकि अन्तर की शेष राशि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किश्तों में भुगतान की जाती है।