दिल्ली में BJP-AAP की सियासत के बीच छठ पर्व शुरू, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?
नई दिल्ली. लोक आस्था का छठ पर्व (Chhath Puja 2021) सोमवार को नहाए-खाए के साथ शुरू हो चुका है. वहीं, दिल्ली में भी इस पर्व का जमकर धूमधाम देखी जा रही है, क्योंकि यहां बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के लोग काफी संख्या में रहते हैं. जबकि देश की राजधानी में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं देने के बाद से सियासत जारी है. एक तरफ भाजपा ने दिल्ली सरकार पर पूर्वांचलियों का अपमान करने का आरोप लगाया है, तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने भाजपा को छठ व्रतियों का विरोधी करार दिया है. भाजपा पहले से ही छठ पूजा की कवायद में लगी हुई थी, तो धीरे-धीरे आम आदमी पार्टी के भी बोल बदलने लगे, लेकिन इसके पीछे पूर्वांचलियों का वोटबैंक असली वजह माना जा रहा है.
भाजपा ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि वह नियमों को तोड़ते हुए पर्व मनाने के लिए नदी के आसपास के इलाकों में जाएगी. उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह कदम ‘पूर्वांचलियों की धार्मिक आस्थाओं से खेलने’ जैसा है. वहीं, पश्चिमी दिल्ली से सांसद सिंह ने कहा था कि छठ पूर्वांचल के भाइयों और बहनों के लिए सबसे बड़ा त्योहार है और उस पर प्रतिबंध लगाना उनकी मान्यताओं के साथ खेलने जैसा है. केजरीवाल जी, मैं खुद यमुना में जाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि छठ पूजा वहां हो. अगर आप मुझे रोक सकें तो रोक लीजिए.
डीडीएमए ने 30 सितंबर को जारी एक आदेश में कोविड-19 के मद्देनजर नदी के किनारों सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ समारोह पर रोक लगा दी थी. भाजपा सांसद तिवारी ने आप सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘रथ यात्रा’ निकालकर छठ प्रतिबंध के खिलाफ भाजपा की दिल्ली इकाई के विरोध का नेतृत्व किया था. इस दौरान तिवारी समेत कई लोग घायल हुए थे. यही नहीं, 30 अक्टूबर को मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनसे पूर्वांचलियों को यमुना के किनारे त्योहार मनाने से नहीं रोकने का आग्रह किया था.
आप विधायक संजीव झा ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि छठ पूजा से नदी प्रदूषित नहीं होगी, क्योंकि छठ में आस्था रखने वाले अनुष्ठान के लिए घाटों की सफाई करते हैं. मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा में प्रतिमा का विसर्जन नदी में होता है जबकि छठ एक ऐसा त्योहार है, जो पूरी तरह से प्रकृति के सान्निध्य में किया जाता है. छठ में आस्था रखने वाले लोग अनुष्ठान से पहले घाट और नदी की सफाई करते हैं.
भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने रविवार को कहा कि यमुना घाट पर केजरीवाल ने छठ महापर्व मनाने पर रोक लगा दी है, ये कतई मंजूर नहीं है. कल प्रातः 11 बजे मैं स्वयं पूर्वांचल के भाई- बहनों के साथ आईटीओ छठ पूजा स्थल की साफ सफाई करवाकर पूजा आरंभ कर रहा हूं, छठ यहीं होगी. अगर केजरीवाल में हिम्मत है तो रोक के दिखाओ. जय छठी मैया. केजरीवाल जी यमुना सफाई के नाम पर दिल्ली की जनता को प्रदूषित यमुना भेंट कर रहे हैं.
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली मे पहले तो छठ को बैन करना, बाद में परमिशन देने के बाद भी यमुना तट को प्रतिबंधित करना ये दिल्ली में रहने वालो हजारों छठव्रतियों के मन पर बड़ा आघात है. भाजपा इसका विरोध करती है.द्वारका से आप विधायक विनय मिश्रा ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने रविवार को सागरपुर में छठ घाट की अनुमति नहीं मिलने पर गेट का ताला तोड़कर छठ घाट की साफ सफाई. इससे पहले उन्होंने कहा था कि 30 सालों से दुर्गा पार्क द्वारका में छठ पूजा हो रही है,लेकिन इस बार भाजपा मेयर ने घाट बनने से रोक दिया. मैं धरने पे बैठा हूं, पूजा होगी तो यहीं होगी. साथ ही कहा कि पूर्वांचल के लोगों के साथ भाजपा का अक्सर दोगलापन रवैया रहता है. छठ महापर्व तो देश का महापर्व है, इसे बिल्कुल बर्दास्त नहीं करेंगे.
वहीं, आप विधायक सोमनाथ भारती ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि नेताओं ने पुलिस का दुरुपयोग कर जेसीबी मशीन को छठ घाट बनाने से रोक दिया तो मैंने खुद कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर भगवान श्रीराम के गिलहरियों (रामसेतु प्रसंग) के तरह खुद फावड़े से घाट बनाने का काम फिर से जेसीबी मशीन आने तक जारी रखा. छठी मैया की जय!
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने शहर के छठ घाटों पर विभिन्न सुविधाएं सुलभ कराने के लिए 41.60 लाख रुपये आवंटित किए हैं. एसडीएमसी महापौर मुकेश सूर्यन ने कहा कि नगर निकाय अपने क्षेत्र के छठ घाटों पर सभी आवश्यक व्यवस्था कर रहा है. उन्होंने बताया कि सभी 104 वार्डों में छठ पूजा के दौरान घाटों पर विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर निकाय ने 41.60 लाख रुपये का बजट आवंटन किया है. इस दौरान घाटों के पास स्ट्रीट लाइट और सड़कों की सुविधा को बढ़ाने, अन्य सुविधाओं के अलावा उचित स्वच्छता और सफाई सुनिश्चित करने के लिए, एसडीएमसी के प्रत्येक वार्ड में दो घाटों के लिए 40,000 रुपये आवंटित किए गए हैं.
साल 2018 में दिल्ली नगर निगम ने छठ घाटों के लिए 5-5 लाख देने के ऐलान के बाद काफी हंगामा हुआ था. उस वक्त कांग्रेस ने सैलरी नहीं दे पाने वाले निगम को आड़े हाथों लिया था. बता दें कि दिल्ली की सियासत में पूर्वांचली मतदाता बेहद खास हैं, क्योंकि यह दिल्ली की 25 विधानसभा सीटों पर चुनावी रूख तय करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या करीब 30 फीसदी है. यही नहीं, यह लोग जिस तरफ वोट करते हैं, सत्ता उस ओर चली जाती है. दिल्ली में पिछले दो चुनाव में आम आदमी पार्टी को इसका फायदा मिल रहा है.