चौटाला परिवार: जो कभी हरियाणा के बादशाह थे, अब अपनी ही सीट से हुए बाहर! Haryana election
चौटाला परिवार, जो कभी एकजुट था, अब दो अलग-अलग पार्टियों में बंट चुका है।
हरियाणा की राजनीति में एक समय था जब चौटाला परिवार का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप जाती थी। ये वही चौटाला हैं, जो कभी हरियाणा में अपनी सत्ता के बल पर दादागिरी करते थे, और शराब माफिया के तौर पर भी जाने जाते थे। पर 2024 के विधानसभा चुनाव ने उन्हें ऐसा सबक सिखाया कि अब वे खुद अपनी सीट से भी हाथ धो बैठे हैं।
दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला, दोनों अलग-अलग ध्वज लेकर निकले, लेकिन नतीजा एक ही रहा—दोनो धराशायी। जिनका नाम कभी हरियाणा के हर कोने में गूंजता था, वही चौटाला अब अपनी ही जमीन पर गिर पड़े हैं।
यह वही परिवार है जो चुनावी भाषणों में दूसरों को धमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ता था। जिनके सामने विरोधी घुटने टेकते थे, वे अब खुद जनता के सामने सवालों के घेरे में हैं। एक समय था जब चौटाला परिवार शराब के व्यापार पर राज करता था, पर आज राजनीतिक शराब का नशा उतर चुका है।
हरियाणा की जनता ने भी उन्हें बता दिया कि अब ‘परिवारवाद’ का खेल ज्यादा दिन नहीं चलने वाला। ये चुनाव परिणाम तो बस एक ट्रेलर है, असली फिल्म तो अभी बाकी है। चौटाला परिवार का विभाजन और हार बताता है कि राजनीतिक विरासत भी संभालने के लिए मेहनत चाहिए, सिर्फ नाम काफी नहीं होता।
और अब, हरियाणा की राजनीति में चौटाला नाम शायद इतिहास के पन्नों में ही मिलेगा—सत्ता से गिरावट का एक और किस्सा।