गोबर से बिजली बनाएगी CG सरकार:CM भूपेश बघेल ने कहा-किसानों,

गोठानों और उद्योगों को फायदा; धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति नहीं दे रहा केंद्र, इससे देश को ही नुकसान

छत्तीसगढ़ सरकार अब गोबर से बिजली बनाने की कोशिश में है। इसके लिए गोधन न्याय योजना से खरीदे गोबर का उपयोग किया जाएगा। राजधानी में केंद्रीय विदेश व्यापार महानिदेशालय और प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की ओर से आयोजित वाणिज्य उत्सव में यह जानकारी दी गई। बताया गया कि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग से चिंतित है। हर जगह ग्रीन एनर्जी की बात हो रही है। हमारे यहां पनबिजली और सौर ऊर्जा संयंत्रों की सीमाएं हैं। ऐसे में हमने गोबर से बिजली बनाने की ओर बढ़ने का फैसला किया है। हमारे पास एक साल में 50 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है।

मुख्यमंत्री ने बताया, दो उद्योगपतियों ने उनसे मुलाकात कर गोबर से बिजली बनाने का संयंत्र लगाने की बात कही है। ऐसा होने से किसानों, गोठान समितियों, स्व-सहायता समूहों और उद्योगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में उद्योग भी लगेगा, रोजगार भी मिलेगा और किसानों को फसल का दाम भी मिलेगा।

वाणिज्य उत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी शामिल हुए।

धान से एथेनाल की अनुमति नहीं मिलने से देश का नुकसान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 70 के दशक में जब देश में अनाज की कमी थी तो बाजार उसे समर्थन मूल्य से अधिक दर पर खरीदता था। आज देश भर में अनाज की अधिकता है। भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में अगले तीन साल की खपत से अधिक अनाज भरा हुआ है। इससे सरकार और किसान दोनों का घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा, हमने केंद्र सरकार से कहा था कि हमारे पास धान की अधिकता है। ऐसे में इससे एथेनाल बनाने की इजाजत दे दें।

CM ने कहा, सरकार ने गन्ने से, मक्का से एथेनाल बनाने की इजाजत दे दी, पर धान से अभी तक नहीं मिली। हम ढाई साल से इसके लिए कोशिश कर रहे हैं। छह कंपनियों से एमओयू भी हो चुका है। इसमें केंद्र सरकार को एक पैसा खर्च नहीं करना है। केवल अनुमति देनी है। धान से एथेनाल बनाने की अनुमति नहीं मिलने से देश का नुकसान हो रहा है। किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है। विदेशी मुद्रा जा रही है।

एयर कार्गो की अनुमति नहीं मिलने पर भी जताई निराशा
मुख्यमंत्री ने रायपुर में एयर कार्गो की अनुमति नहीं मिलने पर भी निराशा जताई। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ एक लैंडलॉक राज्य है। हमारी समुद्री बंदरगाहों तक पहुंच नहीं है। वहां जाने के लिए 900 किमी का सफर करना होगा। ऐसे में यहां के उद्यमियों को दिक्कत आती है। हम रायपुर में एयर कार्गो शुरू करने की अनुमति मांगते रह गए। कई बार केंद्रीय मंत्री से मिल चुके। केंद्र सरकार अनुमति नहीं दे रही है। अब उन्होंने कहना ही छोड़ दिया।

विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हुए
वाणिज्य उत्सव में छत्तीसगढ़ से स्टील, कृषि और वनोपज की प्रोसेसिंग से तैयार उत्पाद सहित विभिन्न क्षेत्रों की निर्यातोन्मुखी उद्यौगिक इकाइयों के उद्यमी और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए। इस उत्सव में छत्तीसगढ़ और देश में पिछले 75 वर्ष में विनिर्माण और निर्यात के क्षेत्र में हुई प्रगति और इसे सतत रूप से आगे बढ़ने के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया। इस आयोजन में सफल उद्यमियों की केस स्टडी की जानकारी दी गई। इसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों की बिक्री और मार्केटिंग के लिए बायर सेलर मीट का भी आयोजन किया गया।

Related Articles

Back to top button