चार धाम यात्रा : यात्रियों की सीमित संख्या से विपक्ष व पुरोहित नाराज, ई-पास की समयसीमा तय
देहरादून. उत्तराखंड में लंबे समय बाद शुरू हो सकी चार धाम यात्रा में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के प्रवेश की हाई कोर्ट की बाध्यता के बाद अब इस संख्या को लेकर राजनीति और विवाद शुरू हो गया है. विपक्ष का कहना है कि सरकार पर्याप्त इंतज़ाम और कोर्ट में पुख्ता दलीलें नहीं दे सकी इसलिए सीमित संख्या में ही श्रद्धालु पहुंच पा रहे हैं. वहीं, तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा रहे हैं. दूसरी तरफ, चार धाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन की ज़िम्मेदारी संभाल रहे देवस्थानम बोर्ड ने साफ कर दिया है चूंकि भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन करवाए जा रहे हैं इसलिए सीमित संख्या के हिसाब से 15 अक्टूबर तक के लिए ही बुकिंग की जा सकेगी.
सबसे पहले आपको बता दें कि कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक हर रोज़ केदारनाथ में 800, बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालु ही दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं. इस सीमित संख्या के बारे में कांग्रेस ने कहा कि सरकार बस यात्रा को किसी तरह शुरू करवाकर ही अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है. बद्रीनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन किस तरह फुल हो चुके हैं और बोर्ड किस तरह आंकड़े रख रहा है. इससे पहले जानिए कि कांग्रेस कैसे सरकार को घेर रही है.
कांग्रेस और तीर्थ पुरोहित क्यों हैं नाराज़?
उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने साफ तौर पर कहा कि सरकार ने कोर्ट में ठीक से पैरवी की होती तो निश्चित ही ज़्यादा से ज़्यादा श्रद्धालुओं के लिए चार धामों के दरवाज़े खुल सकते थे. खबरों की मानें तो गोदियाल ने सरकार पर सीमित संख्या से ही इतिश्री मान लेने का आरोप लगाया. वहीं, तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए. उनका कहना है कि श्रद्धालुओं को कई दिक्कतें पेश आ रही हैं. साथ ही, पुरोहितों, पुजारियों व स्थानीय व्यवसायियों में बदइंतज़ामी व सीमित संख्या को लेकर रोष है
भाजपा कार्यकर्ता भी चाहते हैं, संख्या बढ़े
कांग्रेस, पुरोहित और व्यवसायी ही नहीं, भाजपा के कार्यकर्ता भी सीमित संख्या को लेकर परेशान नज़र आ रहे हैं. एक अन्य खबर की मानें तो भाजपा के जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से केदारनाथ में 2500, बद्रीनाथ में 3000, गंगोत्री में 1500 और यमुनोत्री में 1200 श्रद्धालु प्रतिदिन तक संख्या को बढ़ाने की मांग की. उनियाल ने ज्ञापन सौंपकर सीएम को बताया कि स्थानीय समस्याओं को किस तरह की व्यवस्थाओं से सुलझाया जा सकता है. स्थानीय कारोबार के लिहाज़ से उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ई पास में खामी पाए जाने पर श्रद्धालुओं को लौटाए जाने के बजाय पास के ही तीर्थ और धार्मिक पर्यटन स्थलों पर डायवर्ट किया जाए.
कितना हुआ रजिस्ट्रेशन और कब तक होगा?
बीते 18 सितंबर से चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद बताया जा रहा है कि 70 हज़ार से ज़्यादा तीर्थयात्री देवस्थानम बोर्ड के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. चूंकि संख्या सीमित रखने के आदेश हैं इसलिए इसी आधार पर सीमित ई पास जारी किए जा रहे हैं. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के हवाले से खबरों में कहा गया कि 15 अक्टूबर तक वेबसाइट से बुकिंग की जा सकेगी. एक अन्य खबर मेंं यह भी कहा गया है कि बद्रीनाथ के लिए 15 अक्टूबर तक की बुकिंग फुल हो चुकी है.