दिल्ली मेट्रो में बवाल -‘ये Breast हैं, संतरे नहीं’ पोस्टर पर DMRC ने किया Action
दिल्ली मेट्रो में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता के लिए लगाए गए विवादास्पद पोस्टर ने न केवल बवाल मचाया, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित किया।
1. मेट्रो मामला का संक्षेप
- मेट्रो पोस्टर का उद्देश्य: दिल्ली मेट्रो में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यूवीकैन फाउंडेशन द्वारा एक AI-जनरेटेड विज्ञापन लगाया गया।
- विवाद का कारण: विज्ञापन में ब्रेस्ट को ‘संतरे’ के रूप में संदर्भित किया गया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
2. पोस्टर की सामग्री
- विज्ञापन में लिखा: “हर महीने अपने संतरे की जांच करें।”
- छवियाँ: पोस्टर में महिलाओं द्वारा संतरे पकड़े हुए एआई-जनरेटेड तस्वीरें शामिल थीं।
3. समाज में प्रतिक्रिया
- अश्लीलता का आरोप: लोगों ने विज्ञापन को अश्लील बताते हुए इसे सामाजिक गरिमा का अनादर माना।
- महिलाओं की शर्म: मेट्रो में यात्रा कर रही महिलाओं को इस विज्ञापन को देखकर शर्म महसूस होने लगी।
4. DMRC का एक्शन
- त्वरित प्रतिक्रिया: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने इस विवाद के चलते जल्द ही पोस्टर्स को हटाने का निर्णय लिया।
- जनता की मांग: सोशल मीडिया पर भी भारी बवाल के कारण DMRC को यह कदम उठाना पड़ा।
5. आलोचना का संदर्भ
- ब्रेस्ट कैंसर की गंभीरता: आलोचकों का कहना है कि शरीर के अंगों को फलों के संदर्भ में दिखाना ब्रेस्ट कैंसर की गंभीरता को कम करता है।
- विज्ञापन की गरिमा: इससे प्रभावित लोगों की गरिमा का अनादर होता है, जो एक संवेदनशील मुद्दा है।
6. जागरूकता का महत्व
- ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह: यह अभियान ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह को बढ़ावा देने का प्रयास था, लेकिन इसके तरीके पर सवाल उठाए गए।
- संवेदनशीलता की आवश्यकता: स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों में संवेदनशीलता और उचित शब्दावली का चयन आवश्यक है।
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- सामाजिक चर्चा: इस घटना ने ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया।
- भविष्य की दिशा: विज्ञापनों को बनाते समय सामाजिक मानकों और संवेदनाओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
इस प्रकार, दिल्ली मेट्रो में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता के लिए लगाए गए विवादास्पद पोस्टर ने न केवल बवाल मचाया, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित किया।