फसली ऋण में हुआ बदलाव
राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि प्रदेश के किसानों को राहत देते हुए खरीफ-2020 के अल्पकालीन सहकारी फसली ऋणों की वसूली तिथि आगामी 30 जून अथवा खरीफ ऋण लेने की तिथि से एक वर्ष, जो भी पहले हो तक बढ़ा दी गई है। आंजना ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि काश्तकारों को लाभान्वित करने के लिए सहकारी बैंकों से फसली ऋण प्राप्त करने वाले किसानों के ऋण वसूली की तिथि बढ़ाने का निर्णय किया है ताकि वे शून्य प्रतिशत ब्याज सुविधा का लाभ प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि किसानों को ऋण जमा कराने में हो रही परेशानी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया था और श्री गहलोत ने किसानों के हित में त्वरित निर्णय लेने के लिए निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि राज्य में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य काश्तकारों को अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण वितरित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ में लिए गए सहकारी फसली ऋणों का चुकारा 31 मार्च तक करना होता है। कोविड-19, बे-मौसम बरसात व ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने 31 मार्च की तय देय तिथि को आगे बढ़ाते हुए अब ऋणी काश्तकारों को खरीफ फसली सहकारी ऋण 30 जून या जिस दिन ऋण लिया है उससे एक वर्ष की अवधि, इसमें से जो भी पहले हो तक जमा कराने की छूट प्रदान की है। उन्होंने बताया कि इससे राज्य में केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2020 में खरीफ फसल के लिए ऋण लेने वाले लाखों किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज सुविधा का लाभ मिल सकेगा।