चंद्रमा पर फतह में बस 11 दिन और, फिर होंगे तारे ज़मीन पर
चंद्रयान 2 ने बुधवार सुबह चाँद की तीसरी कक्षा में सफलता पूर्वक प्रवेश कर लिया है। बुधवार सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान 2 को चाँद की तीसरी कक्षा में प्रवेश करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया। चंद्रयान-2 अगले 2 दिन तक चाँद के चारों तरफ 179 किमी की एपोजी और 1412 किमी की पेरीजी में चक्कर लगाएगा।
इसरो ने इस सफलता की जानकारी ट्वीट कर दी। इसके बाद 30 अगस्त को चंद्रयान-2 को चांद की चौथी और 1 सितंबर को पांचवीं कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा। 3 सितंबर को विक्रम लैंडर की सेहत जांचने के लिए इसरो वैज्ञानिक 3 सेकंड के लिए उसका इंजन ऑन करेंगे और उसकी कक्षा में मामूली बदलाव करेंगे। इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर को 4 सितंबर को चांद के सबसे नजदीकी कक्षा में पहुंचाएंगे। इस कक्षा की एपोजी 35 किमी और पेरीजी 97 किमी होगी। अगले तीन दिनों तक विक्रम लैंडर इसी कक्षा में चांद का चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के सेहत की जांच करते रहेंगे।
7 सितम्बर की सुबह चंद्रयान 2 सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। विक्रम लैंडर 35 किमी की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना शुरू करेगा। माना जा रहा है कि इसरो वैज्ञानिकों के लिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। इससे पहले 14 अगस्त को चंद्रयान-2 को ट्रांस लूनर ऑर्बिट में डाला गया था। 20 अगस्त को इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 को चांद की पहली कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचाया था। उस समय चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया गया था। चाँद की कक्षा में प्रवेश के साथ चंद्रयान-2 की गति में 90 फीसदी की कमी इसलिए की गई थी ताकि वह चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर चांद से टकरा न जाए।