CM योगी को घेरने को चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी ने बनाया ये प्लान

आजाद समाज पार्टी  बसपा के संस्थापक कांशीराम की रणनीति से प्रेरणा लिया

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश  में होने वाले विधानसभा चुनाव की लड़ाई इस बार काफी दिलचस्प होने वाली है, क्योंकि इस बार पहली बार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनावी मैदान में उतरे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर  विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है. इस सीट से आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद भी ताल ठोक रहे हैं. सीएम योगी के खिलाफ आजाद समाज पार्टी  बसपा के संस्थापक कांशीराम की रणनीति से प्रेरणा लेते हुए गोरखपुर के हर वार्ड में अपनी सेना बनाकर नुक्‍कड़ कार्यक्रमों के जरिये भाजपा से मुकाबले की कार्ययोजना तैयार की है.

बता दे कि उन्होने कहा कि ‘हमारी पार्टी के युवाओं की टोली बनी है जो चार-चार, पांच-पांच की संख्या में नुक्‍कड़ कार्यक्रमों के जरिये मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाएगी.’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर हमारे प्रचार अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है और मान्‍यवर कांशीराम साहब जिस तरह एक-एक व्यक्ति को जोड़कर सेना खड़ी करते थे वैसे ही हम लोगों ने भी गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के हर वार्ड में अपनी सेना बना ली है. कांशीराम का नाम लेकर एएसपी (आजाद समाज पार्टी) की रणनीति के दावे पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गोरखपुर मंडल के मुख्‍य सेक्टर प्रभारी सुरेश कुमार गौतम ने कहा, ‘लोग जानते हैं कि चंद्रशेखर का चाल और चरित्र क्या है, कांशीराम का नाम लेकर कोई उनका मिशन पूरा नहीं कर सकता है. ऐसे बहुत से लोग मिशन की बात कर मिशन को बेचने का काम करते हैं. सिर्फ बसपा ही कांशीराम के मिशन को पूरा करने में सक्षम है.”

2014 में भीम आर्मी की स्थापना

चंद्रशेखर आजाद ने 2014 में भीम आर्मी की स्थापना कर दलितों के हितों को लेकर संघर्ष शुरू किया. आजाद ने अपने संगठन भीम आर्मी के राजनीतिक दल आजाद समाज पार्टी का गठन किया और 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के उप चुनाव में बुलंदशहर की सदर विधानसभा सीट पर अपना पहला उम्मीदवार उतारा. एएसपी उम्मीदवार मोहम्मद यामीन बुलंदशहर के उपचुनाव में पराजित हो गये, लेकिन 13 हजार से अधिक मत पाकर उन्होंने पार्टी की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई. कुछ दिनों पहले तक आजाद ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव से मिलकर चुनाव लड़ने के लिए प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी और इसके बाद अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ पार्टी ने सबसे पहले गोरखपुर से आजाद को उम्मीदवार घोषित कर दिया.

यह चुनाव धनतंत्र बनाम जनतंत्र होगा

डॉ.आकिब ने कहा, ‘यह चुनाव धनतंत्र बनाम जनतंत्र होगा और हम लोगों का चुनाव जनता लड़ेगी क्योंकि यह लड़ाई सामंती सोच के खिलाफ है.’ आकिब ने दावा किया कि सामंती सोच के खिलाफ हर वर्ग के इंसाफ पसंद लोग चंद्रशेखर के साथ आएंगे. वहीं भाजपा राष्‍ट्रीय परिषद के सदस्य तथा उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक के सभापति गोरखपुर निवासी संतराज यादव ने भाषा से बातचीत में दावा किया, ‘योगी के सामने गोरखपुर में चंद्रशेखर आजाद का कोई असर नहीं रहेगा, यहां के लोग तो उनको जानते भी नहीं हैं.’

उल्लेखनीय है कि गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में करीब साढ़े चार लाख मतदाता हैं और राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यहां 60 से 70 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं. इसके अलावा दूसरे नंबर पर 55 से 60 हजार कायस्थ, लगभग 50 हजार वैश्य, लगभग 40 हजार मुसलमान, 25 से 30 हजार क्षत्रिय, 50 हजार अनुसूचित जाति और पिछड़ी जातियों में सैंथवार, चौहान (नोनिया), यादव आदि मिलाकर 75 हजार से अधिक मतदाता हैं. शहरी क्षेत्र में बंगाली, पंजाबी, ईसाई और सिंधी समाज के लोग भी निवास करते हैं और अलग-अलग मोहल्लों में इनकी बसावट है.

 

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