चंडीगढ़ : शराब घोटाले पर अभय ने सरकार को घेरा, सीबीआई से जांच कराने की मांग
चंडीगढ़। ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय चौटाला ने लॉकडाउन के दौरान शराब घोटाले और अवैध तस्करी के मामले पर सरकार को घेरा। उन्होंने अवैध तस्करी को सरकारी की नाकामी करार दिया। यही नहीं उन्होंने लॉकडाउन के दौरान शराब घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। शुक्रवार को अभय चौटाला शराब घोटाले के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोले रहे थे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में आए वित्तीय संकट के कारण मुख्यमंत्री द्वारा गठित एक कमेटी में विपक्ष के नेता के साथ वो स्वयं सदस्य थे जिसमें इस बात पर सहमति हुई थी कि राजस्व के लिए जमीन की रजिस्ट्री खोल दी जाए, लेकिन शराब के ठेके बंद रखे जाएं। फिर कोरोना महामारी के कारण जहां गांव के लोग बिना डीसी और एसडीएम के परमिट के बगैर कहीं जा नहीं सकते थे, वहीं शहर के लोग अपने घरों में कैद थे और सडक़ पर सिर्फ पुलिस थी तो शराब की तस्करी कैसे हो गई।
इनेलो नेता ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि कोई भी माफिया सरकार के संरक्षण के बगैर पनप नहीं सकता। आज प्रदेश में शराब माफिया और चिट्टा माफिया को भाजपा सरकार का पूरा संरक्षण प्राप्त है और अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि भ्रष्टाचार खत्म हो तो शराब घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा की जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गैर कानूनी तरीके से आबकारी विभाग द्वारा शराब के ठेकेदारों को 96 परमिट दिए गए, सेनिटाइजर की आड़ में 46 परमिट और 20 गेट पास जारी किए गए, समालखा और खरखौदा के गोदामों से 80 प्रतिशत शराब चोरी की गई। उन्होंने कहा कि एक करोड़ 20 लाख बोतल गोदामों से निकाल कर 100 रुपये वाली बोतल 500 में बेच कर सरकार की नाक के नीचे घोटाला कर दिया।
उन्होंने निकिता हत्याकांड पर पूरक प्रश्न पर बोलते हुए कहा कि अपराधी का कोई धर्म नहीं होता इसलिए ऐसे अपराध को धर्म के साथ ना जोड़ कर फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा अपराधी को जल्द से जल्द सजा दिलवाकर मृतका को न्याय दिलवाना चाहिए। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2019 में महिलाओं के साथ बलात्कार के 1480, गैंग रेप 177, अपहरण 2803, पास्को एक्ट के 1117, नाबालिग लड़कियों से अपराध 808, 18 वर्ष से अधिक महिला के विरुद्ध अपराध 2517, माइनर बच्चियों के विरूद्ध अपराध 808 सहित कुल 14683 मामले दर्ज हुए हैं। इनेलो नेता ने एनसीआरबी के आंकड़े रखते हुए कहा 2016, 2017, 2018 में क्रमश 3554, 4780 और 5311 महिलाओं के लापता होने के मामले दर्ज हुए हैं।