4 सितंबर तक इन राज्यों में बारिश के आसार, कुछ जगहों पर गिर सकती है बिजली-IMD

नई दिल्ली. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 4 सितंबर तक कुछ राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. हालिया अपडेट में, विभाग ने कहा कि पश्चिम और मध्य भारत में बढ़ी हुई बारिश की गतिविधि जारी रहने और उसके बाद धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है. विभाग ने यह भी कहा है कि दक्षिण भारत में 2 सितंबर से बारिश बढ़ने की संभावना है. IMD ने  31 अगस्त से 2 सितंबर के दौरान पूर्वी राजस्थान में और 3 से 4 सितंबर के दौरान मिजोरम और त्रिपुरा में व्यापक रूप से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. 1-4 सितंबर के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग भारी वर्षा के साथ बारिश की संभावना है.

IMD ने 2-3 सितंबर के दौरान तमिलनाडु और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में और 2-4 सितंबर के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग भारी वर्षा की आशंका जताई है. विभाग ने पश्चिम मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और हरियाणा के अलग-अलग स्थानों पर बादल से जमीन पर बिजली गिरने के साथ मध्यम से तेज आंधी के आसार जताए हैं.

देश में सितम्बर में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है : आईएमडी
इसके साथ ही IMD का कहना है कि अगस्त माह के दौरान सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी लेकिन देश में सितम्बर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को बताया कि सितम्बर में मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. IMD ने मौसम के लिए समग्र वर्षा पूर्वानुमान को ‘अपडेट’ किया है . उन्होंने कहा, ‘सितम्बर में पूरे देश में मासिक वर्षा सामान्य से अधिक होने का अनुमान है (लंबी अवधि के औसत का 110 प्रतिशत से अधिक).’ उन्होंने बताया कि मानसून की कमी अब नौ प्रतिशत रह गई है और सितम्बर के दौरान अच्छी वर्षा होने से इसमें और कमी आ सकती है. जुलाई में सात प्रतिशत और जून में 10 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी

IMD ने महीने के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा कि देश में अगस्त में सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश हुई, लेकिन सितम्बर में बारिश सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है. महापात्र ने यह भी कहा कि उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत तथा दक्षिण भारत के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य या उससे कम बारिश होने का अनुमान है.

‘ला नीना’ की स्थिति के फिर से उभरने का अनुमान
उन्होंने बताया कि नवीनतम वैश्विक मॉडल पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि मौजूदा ईएनएसओ (अल नीनो) की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर जारी रहेगी और नकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय स्थिति के भी सितम्बर के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र में जारी रहने का अनुमान है. IMD प्रमुख ने कहा कि हालांकि, मध्य एवं पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) ठंडा होने के संकेत दे रहा है और मानसून के मौसम के अंत में या उसके बाद ‘ला नीना’ की स्थिति के फिर से उभरने का अनुमान बढ़ रहा है.

महापात्र ने कहा, ‘ प्रशांत तथा हिंद महासागरों पर एसएसटी स्थितियों को भारतीय मानसून पर मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है, इसलिए IMD इन महासागरीय घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है.’

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