मोदी सरकार की बिजली क्रांति अब चुनिए मनमाफिक कंपनी
केंद्र सरकार ने देश मे 24 घंटे बिजली मुहैय्या कराने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को एक और तोहफा देने की तैयारी की है । केंद्र सरकार देशवासियों को बिजली कंपनी का भी चयन करने की स्वतंत्रता देने वाली है । सरकार हर राज्य में चार से पांच निजी कंपनियों को बिजली वितरण लाइसेंस देने की योजना बना रही है । इससे उपभोक्ताओं के पास बिजली वितरण की कंपनी चुनने और कभी भी उसे बदलने की स्वतंत्रता होगी । इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों से एक साल के अंदर कृषि के फीडर को अलग करने के निर्देश दिए हैं ।
बीते शुक्रवार केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने राज्यों के विद्युत एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रिटेल बिजनेस सरकार का काम नहीं है । केवडिया में उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में केंद्र सरकार तीन से चार छोटी निजी कंपनियां तय करेगी । ये कंपनियां उस क्षेत्र में बिजली सप्लाई करेंगी । इससे एक तरफ सरकार के नुकसान की भरपाई होगी, वहीं उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी बदलने का विकल्प भी मिल सकेगा । वहीं बिजली की अधिक कीमतों पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में बिजली की दर आठ रुपये प्रति यूनिट है । बिजली वितरण कंपनियां इससे काफी कम दाम में उपभोक्ताओं तक बिजली आपूर्ति कर रही हैं ।
बिजली की दरें एक समान
गौरतलब है कि सभी इलाको में निजी बिजली वितरण कंपनियों वितरण लाइसेन्स देने के साथ ही बैठक में पूरे देश में बिजली की दर प्रति यूनिट एक समान करने का भी सुझाव दिया गया है । केंद्रीय बिजली मंत्री ने केवडिया में बताया कि इस मसले पर भी विचार किया जा रहा है । उन्होंने बिजली की दरें एक समान करने के लिए जल्द ही कोई निर्णय लिए जाने की संभावना जताई है ।