सरकार का खादी उद्योग को दीपावली पर तोहफा, बंद हुआ भारतीय झंडे का ऐसा आयात
चीन के राष्ट्रपति द्वारा भारत दौरे के बाद केंद्र सरकार ने बाहरी देशो से पटाखों के साथ ही (बेरंग) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का आयत भी बंद कर दिया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज को लेकर आयात नीति में बदलाव किया है। नई नीति के तहत इंडियन फ्लैग कोड पर खरे उतरने वाले झंडों का ही आयात होगा। सरकार ने झंडे के डिजाइन और रंगों को लेकर नियम जारी किए हैं।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के पार्ट-1, सेक्शन 1.2 में तय मानकों का पालन नहीं करने के कारण भारतीय झंडे का आयात नहीं किया जा सकेगा। सरकार के इस निर्णय को खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमिशन ने खादी से जुड़े लाखों शिल्पकारों के लिए दिवाली का तोहफा बताया है। KVIC का कहना है कि फ्लैग कोड के मुताबिक हमारे भारतीय झंडे को केवल हाथ से काते गए और बनाए गए ऊन, कॉटन या सिल्क खादी से ही बनाया जा सकता है।
भारत के राष्ट्रीय झंडे की बिक्री में आई गिरावट
गौरतलब है कि KVIC संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित एकमात्र वैधानिक इकाई है, जिसके पास भारतीय राष्ट्रीय झंडे के निर्माण का अधिकार है। KVIC के मुताबिक पिछले दो साल से उसके द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री में गिरावट आ रही है। इसकी वजह है कि भारतीय ध्वज के लिए तय मानकों का पालन नहीं करने वाले भारतीय झंडे का आयात देश में हो रहा था। और ऐसे अधिकांश झंडे प्लास्टिक से बने होते हैं और ज्यादातर चीन से इम्पोर्ट होते हैं। घरेलू उद्योग की तरफ से इसके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।