केंद्र सरकार के नियम दूसरी डोज लगवाने वालो पर पड़ रहे भारी

कोविशील्ड और कोवाक्सीन की दूसरी डोज के लिए बनाया गया नियम लोगों के लिए उलझन बन गया है। दोनों वैक्सीन के लिए अलग-अलग केंद्र भी लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। लोग दूर-दूर से टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे रहे हैं, लेकिन वहां उन्हें नियम बताए जा रहे हैं तो वे लौट रहे हैं। इसके अलावा 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को स्लॉट आसानी से न मिलने के कारण मुसीबत झेलनी पड़ रही है।बता दें कि देहरादून जिले में 45 साल से अधिक उम्र के 10 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जाना है। इनमें से अब तक 66 फीसदी लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के न्यू ओपीडी भवन में 44 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविशील्ड का टीका लग रहा है। लेकिन, 84 दिन का नियम होने के कारण किसी को टीका नहीं लग पा रहा है।कुछ लोग पहली डोज के 28 और 45 दिन पूरा होने के बाद आ रहे हैं, लेकिन उन्हें नियम बता कर लौटाया जा रहा है। वहीं, दून अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के सामने स्थित चिकित्सा अधीक्षक आवास में बनाए गए केंद्र में कोवाक्सीन का टीका लग रहा है। यहां भी कोविशील्ड की पहली खुराक लगवा चुके कई लोग दूसरी खुराक के लिए पहुंच रहे हैं। यही वजह रही कि दून अस्पताल की नई ओपीडी बिल्डिंग में लक्ष्य के बावजूद बहुत कम टीकाकरण हुआ। यही स्थिति चिकित्सा अधीक्षक आवास के टीकाकरण केंद्र में रही। ऐसे में सिस्टम की खामियों पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब टीके उपलब्ध हैं तो क्यों नहीं व्यवस्था बनाकर टीकाकरण किया जा रहा।
इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप कुमार डिमरी ने बताया कि राज्य सरकार से जो भी निर्देश प्राप्त हो रहे हैं, उसी के तहत टीकाकरण किया जा रहा है। लोगों को इस बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। साथ ही टीकाकरण केंद्र पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों को आने वाले लोगों को संपूर्ण जानकारी सही और शालीन भाषा में समझाने के लिए कहा गया है।

जम्बो साइट हरिद्वार रोड में एक दिन में 150 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है। बुधवार को यहां सिर्फ 50 लोगों ने ही पहली डोज लगवाई। कोविड केंद्र में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि कोविड कर्फ्यू लागू होने और सार्वजनिक वाहनों के न चलने से लोग केंद्र तक नहीं आ पा रहे हैं। इससे टीकाकरण का रोजाना का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है

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