केंद्र ने 20 राज्यों को दी 68,825 करोड़ रुपये उधार लेने की इजाजत
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 20 राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए खुले बाजार से 68,825 करोड़ रुपये की उधार लेने को मंजूरी दे दी। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग ने जारी आधिकारिक बयान में कहा है कि 20 राज्यों को खुले बाजार से 68,825 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि जुटाने की मंजूरी दी गई है। बयान के मुताबिक राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.5 फीसदी के हिसाब से अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी उन राज्यों को दी गई है, जिन्होंने जीएसटी लागू होने के कारण राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय की ओर से दिए गए दो विकल्पों में से पहला विकल्प चुना है।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक केंद्र सरकार ने पहला विकल्प चुनने वाले 20 राज्यों को बाजार से अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी दी है। इनमें आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओड़िशा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं। हालांकि अभी आठ राज्यों ने किसी भी विकल्प का चयन नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद की एक दिन पूर्व हुई बैठक में जीएसटी संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र के राज्यों से कर्ज लेने के प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी। उसके बाद केंद्र सरकार ने ये निर्णय किया है। चालू वित्त वर्ष में कुल क्षतिपूर्ति 2.35 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। केंद्र ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे। इसके अलावा उधारी चुकाने के लिए आरामदायक और समाज के नजरिए से अहितकर वस्तुओं पर लगने वाले क्षतिपूर्ति उपकर 2022 के बाद भी लगाने का प्रस्ताव किया गया था।