देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स की मांगों को केन्द्र ने स्वीकार किया: मोदी
चेन्नई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उप संप्रदाय के बजाए विरासत नामों से पहचाने जाने की देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स समुदाय की काफी लंबे समय से चली आ रही मांग को केन्द्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
मोदी ने यहां अनेक परियोजनओं की आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा “ इस बारे में एक विधेयक को संसद के आगामी सत्र में पारित किया जाएगा। जब इस समुदाय के लोगों ने मुझसे संपर्क किया तो मैने उन्हें बताया कि उनका यह नाम मेरे नाम के जैसा ही है और मैंने उनके नाम को समझ लिया । यह नाम परिवर्तन करने से काफी अधिक है।”
गौरतलब है कि सामाजिक आधिकारिता और सशक्तीकरण केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने “ देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स” में अनुसूचित जाति समुदायों के सात उपसंप्रदायों को एक साथ लाने संबंधी संविधान (अनुसूचित जाति)आदेश(संशोधन) विधेयक 2021शनिवार को पेश किया था।
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लेकिन इस विधेयक में समुदाय के नेताओं की उन मांगों को शामिल नहीं किया गया है जिसमें इनकी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची से बाहर करने का आग्रह किया था।पुथिया तमिलागम अध्यक्ष के कृष्णासामी ने अनुसूचित जाति की सूची से सात समुदायों को बाहर किए जाने पर जोर दिया था ।
इस विधेयक पर चर्चा संसद में बजट के दूसरे सत्र के दौरान किए जाने की उम्मीद है जो आठ मार्च से शुरू होगा। इन उप संप्रदायों को एक साथ लाने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी और समुदाय के सदस्यों ने 2015 में प्रधानमंत्री से कईं बार मुलाकात की थी। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय की मांगों को लेकर काफी संवेदनशील है।