संजीत अपहरण और हत्याकांड की CBI जांच शुरू:कानपुर में IPS अपर्णा गुप्ता से होगी पूछताछ
परिजनों का दावा- पुलिस को दिए थे फिरौती के 30 लाख
कानपुर में बर्रा के चर्चित संजीत अपहरण एवं हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई की टीम ने कानपुर में डेरा डाल दिया है। CBI संजीत के हत्यारोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जहां संजीत की हत्या की गई उस मकान की दोबारा फॉरेंसिक जांच होगी। साथ ही केस में तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता सहित नौ पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ होगी। हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू होने से परिजनों को उम्मीद है कि अब उनके सवालों के जवाब मिल सकेंगे।
पुलिस के खुलासे में कितनी सच्चाई अब CBI जांच से आएगा सामने
कानपुर के बर्रा निवासी 28 वर्षीय लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की 26 जून, 2020 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। संजीत को छुड़ाने के लिए घरवालों ने 30 लाख रुपए फिरौती की रकम पुलिस को दी थी। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन बदमाश पुलिस को भी गच्चा देकर रकम लेकर फरार हो गए थे।
संजीत का उसके बाद भी कुछ पता नहीं चला था। इसके बाद कानपुर पुलिस ने 24 जुलाई, 2020 को घटना का राजफाश किया। संजीत के दोस्त कुलदीप और राम बाबू व अन्य की गिरफ्तारी कर दावा किया कि इन्हीं आरोपितों ने अपहरण कर संजीत की हत्या की और शव पांडु नदी में फेंक दिया था।
हालांकि, पुलिस शव बरामद नहीं कर सकी। पुलिस के दावे पर भरोसा न करते हुए परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर CBI जांच की सिफारिश की थी। इसके चलते अब जाकर मामले में सीबीआई जांच शुरू हो सकी है।
संजीत की मां सुषमा और बहन रुचि का कहना है कि योगी सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश तो दे दिए लेकिन अब उनकी इच्छा है कि हत्यारे को फांसी हो।
13 जुलाई 2020 को तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने तत्कालीन गोविंद नगर सीओ मनोज कुमार गुप्ता के साथ मिलकर किडनैपर्स को पकड़ने का जाल बिछाया था।
इन 4 सवालों के जवाब तलाश रही CBI
संजीत की अपहरण के बाद हत्या की गई तो शव कहां गया?अगर पुलिस ने खुद 30 लाख की फिरौती दी थी तो रुपए क्यों बरामद नहीं हुए?हत्याकांड के खुलासे पर बर्रा पुलिस की कहानी कितनी सच है?संजीत के कपड़े-बैग, मोबाइल समेत कुछ भी बरामद क्यों नहीं हो सका?
पुलिस के कहने पर पुल के नीचे 30 लाख रुपए से भरा बैग फेंका था पिता ने
दरअसल 22 जुलाई की रात संजीत यादव का अपहरण हुआ था। 4 दिन बाद से ही संजीत के परिजनों के पास फिरौती के लिए कॉल आने लगी थे। 13 जुलाई 2020 को तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता व तत्कालीन गोविंद नगर सीओ मनोज कुमार गुप्ता व बर्रा पुलिस ने मिलकर अपहृताओं को रंगे हाथ पकड़ने का जाल बिछाया था। संजीत के पिता चमन लाल को लेकर अपहृताओं के इशारे पर गुजैनी हाईवे पर पहुंचे थे।
उनके पास एक रुपयों से भरा बैग था। चमन लगातार अपहृताओं से फोन पर बातचीत कर रहे थे। तभी बदमाशों ने कहा कि गुजैनी पुल के ऊपर से नीचे बैग फेंक दो। पुलिस अफसरों के कहने पर चमन ने नीचे बैग फेंक दिया था। बदमाश बैग लेकर फरार हो गए थे। तब चमन व उनके परिवार ने दावा किया था कि बैग में फिरौती के तीस लाख रुपए थे।
IPS समेत 9 पुलिस कर्मी हुए थे सस्पेंड, ये सभी सीबीआई जांच की जद में
एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज कुमार गुप्ता, तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय, दरोगा राजेश कुमार, योगेंद्र प्रताप, सिपाही विनोद कुमार, शिव प्रताप, दिशु भारती व सौरभ पांडेय को निलंबित कर दिया गया था। तत्कालीन SSP दिनेश कुमार पी का झांसी तबादला हो गया था। अब जब सीबीआई जांच करेगी तो यह सभी पुलिसकर्मी जांच की जद में आएंगे। जांच के दौरान आईपीएस समेत सभी पुलिस कर्मियों से पूरे मामले की पूछताछ सीबीआई टीम करेगी।
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