सृजन घोटाले में CBI ने दर्ज की FIR, पूर्व कल्याण पदाधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई

 

 

बिहार के सबसे बड़े और चर्चित सृजन घोटाले को लेकर सीबीआई ने एक केस दर्ज किया है. सीबीआई द्वारा एक एफआईआर भी दर्ज की गई है, जिसके अनुसार 99 करोड़ 88 लाख रुपये के इस घोटाले में पूर्व कल्याण पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है.

बिहार में हुए सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने इस केस में एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस केस में इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के साथ ही सृजन महिला विकास सहयोग समिति के पदधारकों को अभियुक्त बनाया है. इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ सीबीआई ने धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश रचने सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं सीबीआई ने मंगलवार को बैंक ऑफ बड़ौदा आरपी रोड़ शाखा भागलपुर, इंडियन बैंक पटल बाबू रोड भागलपुर, बैंक ऑफ इंडिया त्रिवेणी अपार्टमेंट भागलपुर के अफसरों सहित सृजन के पदधारकों पर भी एफआईआर दर्ज की है.

वहीं कुछ दिन पहले सीबीआई ने जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाया है. अरुण कुमार पर 6 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है. इसके साथ ही जांच में भी अरुण कुमार इस घोटाले में संलिप्त पाए गए और तत्कालीन नाजिर महेश मंडल को भी अरुण कुमार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. फिलहाल पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी जेल में बंद है. हालांकि महेश मंडल की मौत हो गई थी जो गिराफ्तारी के बाद इलाज के दौरान हुई थी. सृजन घोटाले को लेकर महालेखाकार लेखा परीक्षा द्वारा 2007 से 2017 तक की जांच कराई गई थी. इस जांच में पता चला कि 221.60 करोड़ रुपये का गबन हुआ है.

 

सृजन घोटाले को लेकर पूर्व के अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. अब गिरफ्तारी के बाद पूर्व के अधिकारियों से पूछताछ में कई खुलासे हो सकते हैं. इस घोटाले में जांच में पता चला कि सौ करोड़ रुपये की अवैध निकासी में जिला कल्याण कार्यालय से तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी रामलला सिंह, राम ईश्वर शर्मा, ललन कुमार सिंह और अरुण कुमार के कार्यकाल में राशि की अवैध निकासी हुई थी.

 

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