सोशल मीडिया पर नकेल कसने का आदेश देने पर फंसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, मुकदमा हुआ दर्ज
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में इस समय एक बड़ा प्रदर्शन छेड़ा हुआ है। कोरोनावायरस जैसी बीमारी के बीच लोग सड़कों पर आ गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है। इस बीच खबर है कि अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। यह मुकदमा टेक्नोलॉजी पॉलिसी नाम की एक संस्था ने ट्रंप के आदेश पर दर्ज कराया है। ट्रंप ने अपने ट्विटर हैंडल से अमेरिकी चुनाव पर सोशल मीडिया को भी जवाबदेह बनाने की बात कही थी। जिसके बाद जवाबदेही पूरी ना करने पर डोनाल्ड ट्रंप पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट पर ट्विटर ने वार्निंग का साइन लगाया था जिसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने यह आदेश जारी किया था।
डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट को अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ माना जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर से तनातनी के दो दिन बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नकेल कसने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। जिस पर अमेरिकी इतिहास में बोलने की आजादी पर आए सबसे बड़े खतरे से बचाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। बता दे कि डोनाल्ड ट्रंप कहा था कि मेल इन बेल्ट्स को फर्जी और “मेल बॉक्स लूट लिया जाएगा” जैसे ट्वीट किए थे। जिसके बाद ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप के इस ट्वीट पर फैक्ट चेक के मेल लगा दिए थे। इस पर ट्विटर ने लिखा था कि “मेल इन बेल्ट्स के बारे में तथ्य जानिए।”
इतना ही नहीं इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर के इस ट्वीट को अमेरिकी इलेक्शन में दखल देने का आरोप भी लगा दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ट्विटर के इस जवाब से इतने खफा हो गए कि उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा “ट्विटर 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने की कोशिश कर रहा है। इनका कहना है कि मेल – इन – बैलेट और इससे जुड़े भ्रष्टाचार को लेकर मेरा दावा गलत है। यह फेक न्यूज़ है। यह सीएनएन और वाशिंगटन पोस्ट की फैक्ट चकिंग पर आधारित है। मैं अपने दूसरे ट्वीट में ट्रंप ने लिखा था कि ट्विटर बोलने की आजादी पर हमला कर रहा है। मैं एक राष्ट्रपति के रूप में ऐसा नहीं होने दूंगा।