बुजुर्ग को पीटने का मामला: पॉलिटिकल माइलेज के लिए इतना गिर गया उम्मेद, अब खुला ये राज
गाजियाबाद. मुस्लिम बुजुर्ग अब्दुल समद को पीटने और दाढ़ी काटने के मामले में गिरफ्तार सपा नेता उम्मेद पहलवान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. इस कांड को लेकर नया खुलासा हुआ है. उम्मेद ने आगामी नगरपालिका चुनाव और विधानसभा चुनाव में टिकट लेने के लिए ये मनगढ़ंत कहानी बनाई. पॉलिटिकल माइलेज लेने के लिए उसने फेसबुक लाइव किया और फिर ताबीज विवाद को मजहबी रंग दिया.
गाजियाबाद पुलिस इस बात की तफ्तीश कर रही है कि आरोपी उम्मेद के पीछे और कौन-कौन है. पुलिस के मुताबिक, बुजुर्ग की पिटाई के अगले दिन 6 जून को आरोपी उम्मेद फिर बुजुर्ग के संपर्क में आया.आरोपी ने बुजुर्ग को पूरी तरह हाईजैक कर लिया था. पहले तो पूछताछ में वह पुलिस को बरगलाता रहा, लेकिन फिर उसने पूरा राज उगल दिया. उम्मेद ने अपराध के सारे सबूत मिटाने के लिए अपने मोबाइल फोन की कई चैट्स डिलीट की. वॉट्सएप के बाद अब गाजियाबाद पुलिस IPDR के जरिए उसके डिजीटल रिकॉर्ड भी हासिल करेगी.
जानबूझकर लोनी बॉर्डर को बनाया गया घटना स्थल
बताया जाता है कि आरोपी का लोनी बॉर्डर इलाके में काफी रुतबा है, इसलिए जानबूझकर लोनी बॉर्डर थाने में ही मुकदमा दर्ज करवाया गया. घटना स्थल लोनी बॉर्डर बताया गया, जबकि घटना अन्य आरोपी प्रवेश गुर्जर के घर बंथला में हुई थी.
हर पल बुजुर्ग पर नजर रख रहा था आरोपी
आरोपी सपा नेता ने पुलिस को बताया कि उसने बुजुर्ग को अपने मन मुताबिक बयान देने को कहा और झूठी शिकायत लिखवाई. उम्मेद पूरी कोशिश करता रहा कि पुलिस बुजुर्ग के पास न पहुंचे. इसलिए फेसबुक लाइव के बाद भी वह लगातार बुजुर्ग के आसपास रहा. यहां तक कि बुजुर्ग के पास बुलन्दशहर भी गया और उन्हें लेकर दिल्ली भी आया.
ये है उम्मेद की कुंडली
पुलिस को अभी तक उसके खिलाफ 7 मुकदमों का पता चला है. उम्मेद मूल रूप से दहदा गांव पिलखुवा का रहने वाला है. शुरुआती दौर में वह पिलखुवा में ही चोरी करता था. उसके बाद गाजियाबाद के एक प्रभावशाली शख्स पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष औलाद अली का चेला बन गया और फिर सपा जॉइन की. सपा से पहले वह लोकदल में भी रहा. इतना ही नहीं, वह 2016 में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का मनोनीत सदस्य भी रहा. आरोपी ने तीन शादियों कर रखी हैं. वह पेशे से धागे मटेरियल के कारोबार से जुड़ा है.