नेपाल विरोधी पोस्टर पर विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज
भारत-नेपाल मैत्री संबंध सदियों से हैं। इसमें काशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। काशी में पशुपतिनाथ की तर्ज पर विशाल और ऐतिहासिक मंदिर है। काशी में नेपाल के हजारों लोग पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं। यही नहीं, आज भी नेपाल से लोग यहां व्यापार करने आते हैं। उनकी धार्मिक आस्था भी काशी से जुड़ी हुई है। काशी में नेपाल के लोगों का अलग मोहल्ला है और यहां बड़ी संख्या में नेपाल के लोग रहते हैं। पीढ़ियों से यहां रहने वाले नेपाल मूल के लोग भी काशी का अंग बन चुके हैं।
भगवान श्रीराम और अयोध्या पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयान को लेकर काशी में भी काफी चर्चाएं हो रही हैं। इन चर्चाओं के बीच कुछ लोग अनुचित हरकतें भी कर रहे हैं। गुरुवार को विश्व हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने गंगा किनारे एक बेकसूर नेपाली युवक का सिर मुंड़वाकर जय श्रीराम लिखवा दिया। युवक से जय श्रीराम के नारे लगवाए और ओली के खिलाफ नारेबाजी करवाई। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि नेपाली पीएम ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी तो आगे भी ऐसा किया जाएगा। शहर के घाटों, मंदिरों व उन इलाकों में जहां नेपाल के लोग रहते हैं, वहां चेतावनी भरे पोस्टर भी लगाए गए हैं।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक का कहना है कि ओली का बयान बचकाना और निंदनीय है। उन्हें पता है कि अयोध्या कहां है, लेकिन वे चीन के इशारों पर नाचने वाली कठपुतली बन गए हैं और भारत विरोधी घृणित कार्य कर रहे हैं।
यह बेहद अमानवीय हरकत है। विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा कर गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम गठित की गई है। कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाली कोई भी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।