जमानत रद्द करना अन्याय होगा: हाई कोर्ट में केजरीवाल का जवाब

दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत से मिली जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर बुधवार, 10 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया।

दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत से मिली जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर बुधवार, 10 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ED उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम कर रही है और उनकी जमानत रद्द करना उनके साथ अन्याय होगा।

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अपने जवाब में कहा कि ED ने सह-आरोपियों पर दबाव डालकर उनके खिलाफ बयान दिलवाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ED ने मनमाफिक बयान देने के एवज में सह-आरोपियों की जमानत अर्जी का विरोध नहीं किया।

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने ED की इस दलील का विरोध किया कि उसे अपने बात रखने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि निचली अदालत का जमानत देने का आदेश पूरी तरह से सही है और जज ने अपने विवेक का इस्तेमाल कर यह आदेश दिया है। केजरीवाल ने ED की याचिका में की गई टिप्पणी को कोर्ट के प्रति असम्मानजनक बताया।

गौरतलब है कि ED ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 जून को जमानत दी थी, जिसके खिलाफ ED अगले ही दिन हाई कोर्ट पहुंच गई। हाई कोर्ट ने उनकी रिहाई पर रोक लगा दी, जिसके चलते केजरीवाल इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

इसके बाद, सीबीआई ने भी 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया। इस मामले में केजरीवाल ने जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट ने 5 जुलाई को इस मामले में नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख 17 जुलाई तय की है।

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