“कनाडा ने NIA को निज्जर का डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया, ट्रूडो सरकार का रहस्य”

कनाडा का नागरिक था और भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 2020 में उसे आतंकवादी घोषित किया था।

कनाडा का मौन: खालिस्तानी आतंकी निज्जर का मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मिला

कनाडा निज्जर की हत्या और उसके परिणाम

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का मृत्यु प्रमाणपत्र कनाडा ने अब तक नहीं दिया है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। निज्जर की हत्या पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर की गई थी। वह कनाडा का नागरिक था और भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 2020 में उसे आतंकवादी घोषित किया था।

एनआइए की मांग

कई महीने पहले एनआइए ने कनाडा सरकार से निज्जर का मृत्यु प्रमाणपत्र मांगा था। इस मांग के पीछे यह तर्क था कि निज्जर के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उसकी मृत्यु के संदर्भ में जांच जरूरी है। हालांकि, कनाडा सरकार ने इस मांग का जवाब देने में देरी की है और हाल ही में एनआइए से यह भी पूछा कि वह इस प्रमाणपत्र की मांग क्यों कर रही है।

भारत-कनाडा के संबंधों में तनाव

यह मामला उस समय से चर्चा में आया जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत के हाथ होने का आरोप लगाया था। इस बयान के बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंध बेहद खराब हो गए हैं। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर वार्ताएँ रुक गई हैं और व्यापारिक संबंध भी प्रभावित हुए हैं।

कनाडा की प्रतिक्रिया

canada सरकार का यह मौन कई सवालों को जन्म देता है। क्या वह निज्जर की गतिविधियों के संबंध में भारत की जांच को रोकने की कोशिश कर रही है? क्या उनकी सरकार कुछ छिपा रही है? यह बातें न केवल राजनीतिक जगत में चर्चा का विषय बनी हुई हैं, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रही हैं।

संभावित परिणाम

यदि कनाडा ने निज्जर का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं किया, तो यह भारत के लिए एक और चुनौती बन सकती है। भारत यह साबित करने की कोशिश कर रहा है कि निज्जर जैसे आतंकी अपने देश में सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। इस स्थिति का असर दोनों देशों के भविष्य के संबंधों पर पड़ सकता है।

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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का मृत्यु प्रमाणपत्र न मिलने की घटना एक जटिल राजनीतिक स्थिति को जन्म देती है। एनआइए की मांग और कनाडा की प्रतिक्रिया दोनों ही इस मामले को और अधिक संवेदनशील बनाते हैं। आने वाले समय में देखना होगा कि क्या canada अपनी चुप्पी तोड़ेगा और इस विवाद को सुलझाने के लिए कदम उठाएगा। भारत और canada के बीच की यह स्थिति न केवल राजनीतिक, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

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