Byju’s दिवालियापन: अमेरिकी न्यायाधीश ने संपत्ति हटाने के आरोपों पर दो अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना
Byju's के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर अमेरिका में गंभीर कानूनी कार्रवाई की संभावना बन रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार
भारत की प्रमुख एडटेक कंपनी Byju’s के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर अमेरिका में गंभीर कानूनी कार्रवाई की संभावना बन रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी की दिवालियापन प्रक्रिया के दौरान व्यवसायों से संपत्ति को हटाने का प्रयास किया। यह व्यवसाय वर्तमान में अदालत की निगरानी में हैं।
मुख्य आरोपी: विनय रवींद्र और राजेंद्र वेल्लापलथ
अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने Byju’s के मुख्य सामग्री अधिकारी (सीसीओ) विनय रवींद्र और कंपनी के सहयोगी राजेंद्र वेल्लापलथ पर आरोप लगाए हैं। इन पर सॉफ़्टवेयर, नकदी, और अन्य संपत्तियों को जानबूझकर हटाने का आरोप है। न्यायालय ने इसे कंपनी के अधीन व्यवसायों की संपत्तियों को छुपाने और दिवालियापन प्रक्रिया को बाधित करने की रणनीति बताया है।
राजेंद्र वेल्लापलथ की भूमिका
राजेंद्र वेल्लापलथ, जो दुबई स्थित टेक स्टार्टअप वॉइज़िट टेक्नोलॉजी के संस्थापक भी हैं, इस विवाद में मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। आरोप है कि उन्होंने कंपनी की संपत्तियों को छुपाने और हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आरोप उनके व्यक्तिगत और पेशेवर व्यवहार पर भी सवाल खड़े करता है।
संभावित जुर्माना और दंड
अमेरिकी संघीय न्यायाधीश इन दोनों अधिकारियों पर लाखों डॉलर का जुर्माना लगाने पर विचार कर रहे हैं। संपत्तियों को जानबूझकर हटाने के इस आरोप को गंभीरता से लिया गया है और यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह दंड कंपनी और आरोपियों के लिए भारी साबित हो सकता है।
Byju’s की अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर
यह मामला Byju’s की गिरती हुई अंतरराष्ट्रीय छवि को और नुकसान पहुंचा रहा है। कभी भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप के रूप में पहचानी जाने वाली कंपनी अब वित्तीय संकट और कानूनी विवादों में उलझी हुई है। संपत्ति हटाने का यह विवाद कंपनी की नैतिकता और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
वित्तीय संकट और कानूनी विवाद
Byju’s पहले से ही ऋण पुनर्गठन और निवेशकों का भरोसा बनाए रखने में मुश्किलों का सामना कर रहा है। इस विवाद ने कंपनी की मौजूदा समस्याओं को और जटिल बना दिया है। संपत्तियों को छुपाने के आरोप ने दिवालियापन प्रक्रिया को बाधित किया है, जिससे कंपनी को आर्थिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
न्यायालय की सख्त नजर
अमेरिकी न्यायालय इस मामले में सख्त रुख अपना रहा है। संपत्तियों को छुपाने और हटाने जैसे आरोपों पर न्यायाधीश ने कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। यह स्पष्ट है कि अदालत ऐसी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी जो दिवालियापन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
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Byju’s के खिलाफ यह मामला न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी चिंता का विषय है। यह विवाद बायजूस के संकट को और गहरा कर सकता है और उसके भविष्य के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।