तो क्‍या तिब्‍बत वापस जा सकते हैं दलाई लामा, निर्वासित सरकार के राष्‍ट्रपति ने दिया संकेत

 

 

तिब्‍बत के निर्वासित राष्‍ट्रपति ने दिया एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू

तिब्‍बत की निर्वासित सरकार के राष्‍ट्रपति ने चीन से बातचीत को लेकर संकेत दिए हैं। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा कि ये संभव है। लेकिन उन्‍होंंने इसके लिए एक शर्त रखी है। उनका कहना है कि इस पर निर्णय चीन को लेना है।
तिब्‍बत की निर्वासित सरकार के राष्‍ट्रपति पेंपा सेरिंग ने चीन से बातचीत को लेकर संकेत दिया है। उन्‍होंने कहा है कि ये तभी हो सकता है जब चीन दलाई लामा को तिब्‍बत जाने की इजाजत देदे। उन्‍होंने कहा कि दलाई लामा अपनी जन्‍म भूमि और तिब्‍बत की राजधानी ल्‍हासा जाना चाहते हें। यदि ये संभव हो जाता है तो मुमकिन है कि इससे चीन से बातचीत का मार्ग भी खुल जाए। उन्‍होंने इसको लेकर विश्‍वास जताया है कि इससे राहें कुछ आसान हो सकती है और चीन-तिब्‍बत के बीच कड़वाहट को कम किया जा सकता है। ये बात उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू में कही हैं।

 

सेरिंग ने कहा कि हमें ना उम्‍मीद नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इस बारे में विचार करने का कोई मतलब नहीं है कि चीन पहले क्‍या सोचता था या अब क्‍या सोच रहा है। ये जरूरी है कि चीन और तिब्‍बत के बीच बातचीत का सिलसिला जारी रहना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से बातचीत की हर संभव कोशिश की गई है और आगे भी की जाती रहेगी। अब ये चीन पर निर्भर करता है कि वो इसको किस तरह से लेता है या छोड़ता है। ये पूरी तरह से उनके ऊपर निर्भर करता है कि वो हालातों को किस तरह से देखते हैं। तिब्‍बत की निर्वासित सरकार के राष्‍ट्रपति ने कहा कि इस बारे में हमारी सोच बेहद साफ है।

 

उन्‍होंने कहा कि फिलहाल उनके पास चीन से बातचीत शुरू करने का कोई अधिकारिक चैनल नहीं है। उनके मुताबिक 2002-2010 के बीच चीन और तिब्‍बत की निर्वासित सरकार के बीच आठ दौर की बातचीत हुई थी। लेकिन फिलहाल बातचीत के लएि कोई आधिकारिक चैनल नहीं है। बातचीत का रास्‍ता केवल अनाधिकारिक तौर पर ही है। इसलिए देखते हैं कि आगे क्‍या होता है। उन्‍होंने कहा कि इस इंटरव्‍यू को देने का मकसद चीन को ये बताना है कि हम क्‍या सोच रहे हैं और हम अपनी इच्‍छा को किस तरह से आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए चीन को भी अब इस बारे में अपनी सोच को साफ कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन को ही वार्ता के बारे में निर्णय लेना है।

 

सेरिंग ने कहा कि क्‍या वो तिब्‍बत विवाद को सुलझाना चाहते हैं या फिर नहीं। या फिर वो ये चाहते हैं कि दलाई लामा इसी तरह से निर्वासित रहते हुए अपने प्राण त्‍याग दें और चीन तिब्‍बत पर पूरी तरह से कब्‍जा जमा ले। उन्‍होंने कहा कि चीन को उनके बयान पर गंभीरता से विचार लेना चाहिए और फैसला लेना चाहिए।

 

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