अपने ही सदस्यों पर टूटा मायावती का कहर, की यह कार्यवाही
बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने कई सदस्यों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक आर पी कुशवाहा और पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। कानपुर-विधानसभा उपचुनाव से पहले दोनों नेताओं को पार्टी से निकाले जाने की खबर से उनके समर्थकों में हलचल मच गई है।
गुरुवार को पार्टी के जिलाध्यक्ष रामशंकर कुरील ने प्रेसनोट जारी कर दोनों नेताओं को पार्टी से निकाले जाने की जानकारी दी। दोनो दिग्गज नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है । बता दें कि पूर्व विधायक रामप्रकाश कुशवाहा और पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा कानपुर नगर की रीढ की हड्डी माने जाते थे । दोनो ही नेता पीछड़ी जाति के वोटरों की राजनीति करते थे । इसके पास बड़ी संख्या में समर्थ है । बसपा सुप्रीमों की रैली जाने के लिए कार्यकर्ताओं की भीड़ कानपुर से यही दोनो नेताओं के कंधो पर थी । मायावती के इस फैसले से सभी हैरान है ।
बसपा की जीत हार में शामिल कुशवाहा
पूर्व विधायक रामप्रकाश कुशवाहा लगभग 17 वर्षो से पार्टी में सक्रीय भूमिका निभा रहे थे । आपी कुशवाहा को बसपा ने 2007 में घाटमपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था । आरपी कुशवाहा ने बड़े अंतराल से जीत दर्ज की थी । इसके बाद बसपा सुप्रीमों ने उन्हे 2012 में बिठूर विधानसभा सीट से टिकट दी थी । लेकिन आपी कुशवाहा चुनाव हार गए थे । इसके बाद मायावती ने आपी कुशवाहा पर 2017 में एक बार फिर से भरोसा जताया था । लेकिन वो 2017 का भी चुनाव हार गए थे ।
जानकारी के मुताबिक आरपी कुशवाहा और पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा विपक्षी पार्टी के नेताओं के संपर्क में थे । इसके साथ ही पार्टी के सीक्रेट योजनाओं की जानकारी अन्य दलों से साझा कर रहे थे । नगर कमेटी द्धारा इसकी शिकायत बसपा सुप्रीमों से की गई थी । इसकी जांच कराने के बाद मायावती ने दोनो नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है ।